फर्जी रेलवे रियायती प्रमाणपत्र पकड़ा, जांच को भेजा

Post by: Manju Thakur

इटारसी। रेल प्रशासन ने एक फर्जी रेलवे रियायती प्रमाण पत्र पकड़कर उसकी जांच के लिए जिला अस्पताल होशंगाबाद भेजा है। यह प्रमाण पत्र इटारसी के आठवी लाइन निवासी एक व्यक्ति ने बनवाया है, जो मंडल रेल कार्यालय भोपाल में यूनिक आईडी बनाने के लिए प्रस्तुत किया गया था।
बताया जाता है कि जिस डॉ. एके दामले द्वारा 25 मार्च 2014 को यह सर्टिफिकेट बनाया दर्शाया है, उनका तबादला होशंगाबाद जिला अस्पताल से 10 अगस्त 2010 को ही हो गया था। तबादले के चार वर्ष बाद वे होशंगाबाद से यह प्रमाण पत्र कैसे बना सकते हैं? भोपाल मंडल रेलवे के पीआरओ के अनुसार संदेहास्पद फर्जी प्रमाण पत्र की सत्यता की जांच के लिए जिला सरकारी अस्पताल होशंगाबाद भेजा है, वहां से जांच के बाद ही इस मामले में आगे कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि दिव्यांग व्यक्तियों को रेल यात्रा में रियायत के लिए नियमानुसार यूनिक आईडी कार्ड जारी किये जा रहे हंै। इसके लिए उन्हें सरकारी अस्पताल के अधिकृत डाक्टर द्वारा जारी किया दिव्यांग होने का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होता है, जिसके सत्यापित होने पर ये कार्ड जारी किये जाते हैं। इसी तारतम्य में योगेश मोयल पुत्र शंभुदयाल निवासी 8 वीं लाइन इटारसी ने मंडल कार्यालय में यूनिक आईडी कार्ड बनवाने जिला सरकारी अस्पताल, होशंगाबाद से 25 मार्च 2014 को डॉ. एके दामले द्वारा जारी किया गया आर्थोपैडिकली हैंडीकैप्ड रियायती प्रमाणपत्र मंडल कार्यालय में प्रस्तुत किया था,जबकि डॉ.एके दामले का स्थानांतरण राज्य शासन के पत्र क्रमांक- एफ/1-2/2010/17/2010/17 मेडि. दिनांक-10.08.2010 के तहत दिनांक 11.08.2010 को ही होशंगाबाद से भोपाल करते हुए उन्हें भारमुक्त कर दिया गया था।

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