बंद रहे प्रायवेट स्कूल, रैली निकालकर दिया ज्ञापन

Post by: Manju Thakur

इटारसी। प्रायवेट स्कूल संचालकों की पांच सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश के विभिन्न प्रायवेट स्कूल संगठनों के आव्हान पर मंगलवार को प्रदेश के 45 जिलों के 50 हजार स्कूलों के साथ ही इटारसी एवं ग्रामीण अंचलों के सभी प्रायवेट स्कूल बंद रहे। सुबह जिलाध्यक्ष शिव भारद्वाज के नेतृत्व में दो दर्जन से अधिक स्कूल संचालक होशंगाबाद पहुंचे। यहां अग्निहोत्री गार्डन में आयोजित कार्यक्रम के उपरांत स्कूल संचालकों ने रैली निकालकर मां नर्मदा को ज्ञापन अर्पित किया। तत्पश्चात विधानसभा अध्यक्ष डा. सीतासरन शर्मा और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन कलेक्टर कार्यालय में सौंपा।
प्रायवेट स्कूलों की प्रमुख पांच मांगे जिनमें मान्यता की समय सीमा अपीलीय क्षेत्र के साथ 15 मार्च तक नियत की जाए। बीच सत्र में किभी भी स्कूल की मान्यता निरस्त नहीं की जाए। आरटीई के तहत कानून का पालन विभाग भी करे और शेष प्रतिपूर्ति राशि वर्तमान में दर्ज छात्रों के हिसाब से अविलंब दी जाए। निजी स्कूल शुल्क नियमक विधेयक पर पुनर्विचार किया जाए। जिसमें शुल्क के संबंध में न्यायपूर्वक निर्णय लिया जाए। इसके लिए एक फोरम का गठन किया जाए। आरटीओ द्वारा बस परमिट में पुन: स्पीड गर्वनर लगाने की बात की जा रही है, जिसकी जरूरत नहीं।

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इसी तरह अति महत्वपूर्ण समय में ही बसों का अधिग्रहण किया जाए। मान्यता के लिए एक एकड़ की अनिवार्यता समाप्त की जाए। आवेदन में विलंब के लिए मान्यता शुल्क से 10 गुना और अर्थदंड का प्रावधान समाप्त किया जाए को लेकर अशासकीय शाला संचालक महासंघ सोपास, प्रायवेट स्कूल एसोसिएशन द्वारा प्रदेश बंद के आव्हान पर जिला एवं इटारसी के स्कूलों को बंद रखा था। मुख्य कार्यक्रम जिला मुख्यालय के कामाख्या गार्डन में आयोजित था। लगभग 2 घंटे चले कार्यक्रम में सोपास के संरक्षक आशुतोष शर्मा, प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष आशीष चटर्जी, अशासकीय शाला संचालक महासंघ के प्रदेश महासचिव रवि राजपूत, प्रायवेट स्कूल एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष शिव भारद्वाज, सोपास के संभागीय अध्यक्ष प्रवीण अवस्थी, प्रांतीय उपाध्यक्ष प्रवीण पाणिकर, पीएसए के प्रांतीय उपाध्यक्ष राकेश दुबे सहित अन्य वक्ताओं ने अपनी बात रखी। तत्पश्चात होशंगाबाद एवं सीहोर जिले से आए स्कूल संचालक रैली के रूप में नर्मदा घाट पहुंचे। यहां मंत्रोच्चारण के बीच माँ नर्मदा का ज्ञापन अर्पित किया गया। इसी दौरान विधानसभा अध्यक्ष डा. सीतासरन शर्मा, हरदा नगरपालिका अध्यक्ष सुरेंद्र जैन, मुख्यमंत्री की जनदर्शन यात्रा प्रभारी संतोष पारिख भी नर्मदा घाट पर पहुंच गए, जिन्हें स्कूल संचालकों ने ज्ञापन सौंपा।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डा. सीतासरन शर्मा ने कहा कि स्कूल संचालकों की मांग जायज है। मुझे यह मालुम हुआ कि आज प्रदेश के 45 जिलों के 50 हजार स्कूल बंद है, तो दुख भी हुआ कि आज लाखों बच्चों की पढ़ाई नहीं हो सकी। मैं आज ही शिक्षामंत्री और आयुक्त से बात करूंगा। आप लोगों ने जो 5 सितंबर से अनिश्चित कालीन बंद का निर्णय लिया है, मैं नहीं समझता की उसकी जरूरत पड़ेगी। उसके पहले ही मामले का निराकरण हो जाएगा।
मां नर्मदा और विधानसभा अध्यक्ष को ज्ञापन देने के पश्चात स्कूल संचालक शांतिपूर्ण ढंग से कतारबद्ध होकर रैली के रूप में कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। यहां कलेक्टर की अनुपस्थिति में डिप्टी कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा गया। तत्पश्चात रैली डीईओ आफिस के बाजू में स्थित हनुमान मंदिर पहंची, यहां भी संकट मोचक हनुमान को ज्ञापन अर्पित किया गया। हनुमान चालीसा एवं आरती के पश्चात आंदोलन का प्रथम चरण पूर्ण हुआ। 29 अगस्त से 4 सितंबर तक इसी हनुमान मंदिर पर जिले के प्रत्येक ब्लाकों की ईकाईयां दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक धरना देकर विरोध प्रदर्शन करेगी।
रैली में इटारसी से संदीप तिवारी, अजय चौकसे, आलोक गिरोटिया, घनश्याम शर्मा, नटवर पटेल, चिंटू चौबे, अनिल वर्मा, अशोक अवस्थी, नीलेश जैन, धमेंद्र रणसूरमा, रमेश प्रधान, श्रीमती मीना परसाई, आर के गौर, राजेंद्र मालवीय, लोकेन्द्र साहू, बसंत मालवीय, मनोज पटैल सहित बाबई, सोहागपुर, नसरुल्ला गंज, बुधनी, सिवनी-मालवा सहित जिले भर के स्कूल संचालक उपस्थित थे।

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