बच्ची से दुष्कर्म के मामले में आजीवन कारावास

इटारसी। नाबालिग का अपहरण और बलात्कार के करीब दो वर्ष पुराने मामले में श्रीमती प्रीति सिंह द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा और अर्थदंड दिया है। मामला 18 अप्रैल 2016 का है, जब आरोपी ने रेलवे प्लेटफार्म से एक बच्ची को अपहृत करके जंगल में ले जाकर दुष्कर्म किया था। बच्ची के परिजनों की शिकायत मामला जीआरपी में दर्ज किया गया था। आरोपी गिरफ्तारी की दिनांक 19 अप्रैल 16 से सजा सुनाए जाने की दिनांक तक यानी 2 वर्ष, 2 माह और 2 दिन से जेल में ही रहा है। मामले में शासन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक राजीव शुक्ला, विशेष लोक अभियोजक एचएच यादव और आरोपी की ओर से अधिवक्ता राकेश पाल ने की।
घटना में आरोपी कुंवर सिंह पिता गुरुदयाल निवासी ग्राम रतवाड़ा, थाना डोलरिया ने नाबालिग को इटारसी रेलवे स्टेशन से बिस्कुट खिलाने का लालच देकर अपने साथ ले गया था। बच्ची प्लेटफार्म पर अपने परिजनों के साथ बैठी थी। जब कुंवरसिंह बहुत देर तक नहीं आया तो परिजनों ने प्लेटफार्म और मुसाफिरखाने में उसकी काफी देर तक तलाश की। नहीं मिलने पर उसे ग्राम रतवाड़ा में भी जाकर तलाश किया। वह वहां भी नहीं मिला तो परिजनों ने इटारसी आकर थाना जीआरपी में शिकायत दर्ज करायी। जीआरपी ने प्रकरण पंजीबद्ध करके आरोपी को गिरफ्तार किया और पूछताछ की तो उसने अपराध स्वीकार किया।
आरोपी कुंवर सिंह ने 8 वर्षीय बच्ची को प्लेटफार्म 6-7 से अगवा करके ले गया और जंगल में ले जाकर उसी दिन कई बार लगातार बलात्कार किया और जान से मारने की धमकी दी। बच्ची अपनी बुआ और फूफा के साथ उनके गांव जाने के लिए ट्रेन का इंतजार कर रही थी। घटना के दौरान बच्ची के फूफा नल से पानी लेने गए थे और बुआ की नींद लग गयी थी। बच्ची ने बिस्कुट की मांग तो आरोपी उसे लालच देकर ले गया था। जीआरपी ने जब सीसीटीव्ही कैमरे के फुटेज निकलवाए तो पता चला कि आरोपी बच्ची को रेलवे स्टेशन के बाहर लाया था इसके बाद से कोई पता नहीं चल सका। जीआरपी ने आरोपी को दूसरे दिन सिवनी मालवा में धरदबोचा। आरोपी ने बच्ची को रातभर जंगल में रखकर सुबह बस में बिठाकर सिवनी मालवा भेज दिया था। जीआरपी ने आरोपी कुंवर सिंह पिता गुरदयाल सिंह 27 वर्ष निवासी ग्राम रतवाड़ा डोलरिया को गिरफ्तार किया था।

ऐसे रहेगी आरोपी की सजा
धारा 363 भादवि में 7 वर्ष, अर्थदंड पांच सौ रुपए और अर्थदंड न देने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास
धारा 366 (क) भादंवि में 7 वर्ष, अर्थदंड पांच सौ रुपए, अर्थदंड न देने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास
धारा 376 (2)(एन) भादंवि में आजीवन कारावास जिससे आरोपी के शेष प्राकृत जीवनकाल लिए कारावास अभिप्रेत होगा। एक वर्ष अर्थदंड, न देने पर एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास।
धारा 502 (2), दो वर्ष का कारावास एवं दो एक सौ रुपए अर्थदंड, अर्थदंड न देने पर चार माह का अतिरिक्त कारावास।

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