बच्चों ने जाना बौद्धिक संपदा का अधिकार
बच्चों ने जाना बौद्धिक संपदा का अधिकार
इटारसी।ग्राम मिसरोद के हायर सेकंडरी स्कूल के छात्र-छात्राओं ने मप्र विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के माध्यम से बौद्धिक संपदा के अधिकार को विस्तार से जाना और समझा। बौद्धिक संपदा अधिकार की एक दिवसीय कार्यशाला के मुख्य स्रोत विद्वान डॉ कश्मीर सिंह उप्पल के साथ सहयोगी भारत भूषण गांधी भी उपस्थित थे। स्कूल के प्राचार्य वीरेन्द्र कोरी ने उपस्थित अतिथियों सेवानिवृत्त प्राचार्य पीडी गौर, ओपी गौर एवं जीसी गौर सहित डॉ उप्पल व श्री गांधी का स्वागत किया।
डॉ. उप्पल ने कहा कि बौद्धिक संपदा अधिकार को समझना जरूरी है, क्योंकि इसे समझकर ही देश का युवा अपनी बुद्धि के प्रयोग का अपने देश की समृद्धि के लिए कर सकेगा। उन्होंने आगे कहा कि हमारा देश आदिकाल से कई प्रकार से समृद्ध रहा लेकिन उसकी तकनीकों को विदेशियों ने अपने अधिकार में लेते हुए पेटेंट करा लिए, अब वक्त आ गया है इसे समझें और अपने और अपने देश की तरक्की के लिए इस अधिकार का उपयोग करें। श्री गांधी ने बच्चों को प्रश्नोत्तरी के माध्यम से आईपीआर यानी बौद्धिक संपदा अधिकार, पेटेंट, कॉपी राइट, ट्रेडमार्क आदि को समझाया। प्रतिभागी बच्चों ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से अपने विचारों और खोजों के महत्व को जाना, यह भी जाना कि शिक्षा इसके लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण माध्यम है।