इटारसी। श्री द्वारिकाधीश मंदिर में आधी रात को 12 बजे द्वारिकाधीश का जन्मोत्सव मनाया गया। इससे पहले यहां भजन संध्या का आयोजन किया। भजन गायकों ने श्रीकृष्ण के एक से बढ़कर एक भजन सुनाए। इस मौके पर मंदिर परिसर में विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा के अलावा मंदिर समिति के सदस्य और बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
रात को ठीक 12 बजे, बड़े मंदिर में घंटों और शंख की ध्वनि के साथ हाथी-घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की और नंद घर आनंद भयो, जय यशोदा लाल की, जैसे जयकारे लगने लगे थे। अवसर था, भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का। पूरा मंदिर परिसर श्रद्धालओं से भरा हुआ था। जैसे ही पुजारी ने गर्भग्रह के द्वार खोलकर पर्दा हटाया, भक्तों ने दोनों हाथ ऊपर उठाकर जोरदार जयकारे लगाए। लगातार घंटे और शंखों की ध्वनि गूंजती रही। भगवान के जन्म के मौके पर भक्तों को माखन-मिश्री, पंजीरी आदि का प्रसाद वितरित किया गया। मंदिर परिसर में प्रात:काल से ही धार्मिक आयोजन प्रारंभ हो गये थे। कान्हा के आगमन की खुशी में मंदिर परिसर को सुंदर सजाया गया था। जहां सुबह 9 बजे से ठाकुर श्री द्वारिकाधीश के अभिषेक के साथ ही गर्भग्रह को पवित्र जल से साफ किया गया। सुबह 11 बजे भोग आरती के बाद प्रभु के विश्राम के लिए मंदिर के मुख्य द्वारबंद किये जो शाम को 4 बजे जैसे ही खुले तो श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर परिसर में एकत्र होने लगी। रात 8:30 बजे से मंदिर परिसर में भजन संध्या प्रारंभ हुई। इसका शुभारंभ विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा ने पूजा-अर्चना करके किया। भजन संध्या में भोपाल से आए भजनकार राजू राव एवं साधना प्रधान ने मधुर संगीत पर भजनों की प्रस्तुति दी।
इस दौरान पुरानी इटारसी निवासी बाल कलाकार सत्यम बाथरी ने सुरीली आवाज में भजनों की प्रस्तुति देकर भक्तों को मंत्रमुगध कर दिया। रात 11:30 बजे भक्त मंदिर के भीतर पहुंचे और हरे कृष्ण का जाप प्रारंभ कर दिया। मंदिर के पुजारी महेन्द्र उपाध्याय एवं हेमंत तिवारी ने घंटे बजाकर माहौल भक्तिमय कर दिया। रात 12 बजे मंदिर के पट खुलते ही भक्तों ने जयकार लगाए। कान्हा के जन्म के पश्चात श्री द्वारिकाधीश-राम जानकी मंदिर समिति ने भक्तों को पंजीरी और माखन मिश्री का प्रसाद वितरित किया। शहर के अन्य मंदिरों में भी श्रीकृष्ण जन्म अष्टमी उत्साह से मनायी।