बाढ़ पीड़ित बोले, नहीं ली अधिकारियों ने सुध

इटारसी। पिछले करीब एक सप्ताह से हो रही बारिश के कारण शहर के डूब क्षेत्र एवं जलभराव वाले इलाकों में रहने वालों की आफत आयी हुई है। उनके घरों के भीतर पानी घुस रहा है और इस स्थिति से उबारने के लिए प्रशासन का कोई सहयोग इन लोगों को प्राप्त नहीं हो रहा है।
नाला मोहल्ला में ग्वाल बाबा के पास फकीर मोहल्ला की आबादी नदी की हल्की बाढ़ से भी प्रभावित हो जाती है। हाल ही में नदी में आयी बाढ़ के कारण करीब एक दर्जन परिवार अपना घर छोड़कर यहां से भागे। यहां की एक गरीब महिला दुर्गाबाई ने बताया कि उसकी झोपड़ी नदी के एकदम करीब होने से वह एक सप्ताह से परेशान है और घर में पानी घुस रहा है। उसके चार छोटे-छोटे बच्चे हैं। एक बच्चा तो घर में फैली गंदगी के कारण बीमार होकर चल बसा। मोहल्ले की मायाबाई ने फिर अपने घर में उनको शरण दी है। लेकिन प्रशासन ने उनकी कोई मदद नहीं की है।
यहां तीन अन्य पीड़ितों ने भी बताया कि अधिकारी आये तो थे लेकिन वे ग्वालबाबा मंदिर के पास से नदी देखकर चले गये किसी पीड़ित
से कोई परेशानी नहीं पूछी। इसी तरह से वार्ड क्रमांक 2 में सतपुड़ा कालोनी पुरानी इटारसी में भी निकासी के अभाव में खाली भूखंड पर गंदा पानी जमा रहता है। लेकिन इस समय बारिश का पानी बड़ी मात्रा में जमा है और मकानों में भी घुस रहा है। यहां एक बड़े भूखंड पर स्थित शिवमंदिर व उसके आसपास बारिश का पानी इतना अधिक जमा हो गया है कि ऐसा लगता है कि मंदिर किसी झील के भीतर बना हो। यहां रहने वाले राजकुमार चौरे ने बताया कि निकासी नहीं होने से अब पानी मकानों में भी घुस रहा है। गोंडी मोहल्ला में घाटली नदी के किनारे मकानों के आसपास पानी जमा है। यहां रहने वाले अभय उईके ने बताया कि नदी में जब भी बाढ़ आती है, हम मुसीबत में आ जाते हैं।
मालवीयगंज और सूरजगंज के मध्य स्थित वार्ड 18 की बाल्मिकी कालोनी में भी जल भराव की पुरानी समस्या है। यहां बारिश के दौरान पूरे समय कच्चे मकानों में पानी जमा रहता है। अभी भी यही स्थिति है। प्रत्येक घर में एक से दो फुट पानी भरा हुआ है। यहां के निवासी विक्रम बाल्मिकी ने बताया कि हमारी कालोनी के साइड में कच्चा नाला है जिसकी सफाई नहीं होने से वर्षा के दौरान उसका पानी घरों में घुस जाता है। एक अन्य श्रीप्रसाद ने बताया कि तीन दशक से अधिक हो गये हैं यहां रहते हुए, लेकिन अभी तक नगर पालिका इस नाले को पक्का नहीं कर सकी है। यह नाला आगे जाकर तिरुपति कालोनी के पास छोटी नाली में तब्दील हो जाता है जिससे बारिश का पूरा पानी यहां रुक जाता है। यही हाल रहा तो कच्चे मकान ढह सकते हैं।

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