बिना जानकारी बैठक में आ गए अधिकारी

बिना जानकारी बैठक में आ गए अधिकारी

इटारसी। अनुविभागीय अधिकारी अभिषेक गेहलोत ने आज केसला जनपद पंचायत में साधारण सभा की बैठक में ब्लाक के अधिकारियों के साथ भाग लिया। यह बैठक पिछले दिनों ब्लाक के अफसरों के बैठक में न आने के कारण निरस्त की थी।
जनपद सदस्यों ने अधिकारियों की बैठक में अनुपस्थिति का विरोध दर्ज कराते हुए बहिष्कार किया था। उस दिन के धरना-आंदोलन का असर यह रहा कि आज ज्यादातर विभागों के अधिकारी बैठक में तो आए, लेकिन एक विडंवना यह रही कि अधिकारी बिना कोई जानकारी लिए बैठक में उपस्थित हो गए। इस तरह से आज की बैठक से भी जनपद सदस्यों के सवालों के जवाब नहीं मिल सके और ज्यादातर सदस्य इस बैठक से भी संतुष्ट नहीं हैं।
आज दोपहर केसला ब्लाक मुख्यालय पर जनपद पंचायत की साधारण सभा की बैठक हुई। एसडीएम अभिषेक गेहलोत भी इस बैठक में पहुंचे थे। बैठक में विद्युत विभाग, शिक्ष विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पशु चिकित्सा विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, वन विभाग के अफसर बैठक में मौजूद थे, लेकिन ग्रामीण आजीविका मिशन से कोई भी उपस्थित नहीं हुआ। जनपद सदस्य मनोज गुलबाके ने कहा कि उनसे कुछ माह पूर्व एक जानकारी मांगी थी, जो वे देना नहीं चाहते हैं, इसलिए वे बैठक से दूरी बनाकर रखते हैं।
बैठक में वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सुखतवा रेंज में पौधरोपण के दौरान 5 लाख 47 हजार पौधे लगे हैं। पौधरोपण के लिए 588 यूनिट तैयार की गई थी, एक यूनिट में 2 सौ पौधे होते हैं। मनरेगा के सहायक यंत्री एनपी मेहर ने बताया कि 39 यूनिट ब्लाक प्लांटेशन की जिसमें 685 पौधे रहते हैं। सड़क किनारे 209 यूनिट लगाई हैं। इतनी जानकारी के बाद जब अधिकारियों से पौधेरक्षकों को किए गए भुगतान की जानकारी मांगी तो वे आंकड़े उपलब्ध कराने में असमर्थता जताने लगे। उनको बैठक के अंत तक जानकारी देने का वक्त भी दिया लेकिन उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी. तय किया कि एक दल बनाया जाएगा जो फील्ड में जाकर पौधरोपण की सच्चाई जानेगा। जनपद सदस्य अजय महाला ने कहा कि उन्होंने पशु शेड के विषय में जानकारी चाही तो अधिकारी बताने से बचते रहे। उन्होंने कहा कि सीएम जब बाबई आए थे तो पशु शेड में होने वाली गड़बडिय़ों को देखते हुए उन्होंने पशु रोड निर्माण पर रोक लगा दी थी, बावजूद इसके न जाने किस राशि से अधिकारियों ने उनके क्षेत्र चांदौन में अधूरे पशु शेड पूरे कर दिए। पशु शेड निर्माण का लक्ष्य 270 था और 255 की राशि खाते में भी आ गई थी, बावजूद इसके 222 शेड अपूर्ण हैं। जनपद सदस्यों का कहना है कि अधिकारी पूरे समय सवालों के जवाब देने से बचते रहे।

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