मंदिरों को अतिक्रमण से बचाने सरकार का सराहनीय कदम
इटारसी। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रवक्ता राजकुमार केलू उपाध्याय ने आज जारी अपने बयान में कहा कि मध्यप्रदेश सरकार मठ-मंदिरों की जमीनों को अतिक्रमण से बचाने के उद्देश्य से मंदिरों के आसपास की अतिरिक्त भूमि को बिल्डरों को सौंपेगी और जिससे प्राप्त आय सीधे मंदिर ट्रस्ट को ही जायेगी। इस फैसले से न केवल मंदिरों की भूमि पर अवैध कब्जे रुकेंगे बल्कि मंदिरों की आय में भी वृद्धि होगी। इस संदर्भ में भाजपा विधायक विश्वास सारंग का वह बयान बिल्कुल हास्यास्पद है कि बिल्डरों को संरक्षण देने की कोशिश में प्रदेश सरकार द्वारा यह फैसला लिया है। असलियत तो यह है कि मठ-मंदिरों की जमीनों पर कब्जा किये बैठे, भाजपा संरक्षित माफियाओं के विरूद्ध लिये इस फैसले से, वे भाजपा नेता आहत हैं, जिनके हित उनसे जुड़े हुए हैं।
उन्होंनेे कहा कि जबसे प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार बनी है उसने अपने वचन-पत्र के वादे निभाते हुए राम-वन-गमन-पथ के निर्माण की पहल, महाकाल, ओंकारेश्वर आदि मंदिरों के उन्न्यन के प्रयासों के साथ ही, धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने व मंदिरों की जमीनों से अवैध कब्जे हटाने का जो प्रशंसनीय कार्य किया है, वह अपने आप में उल्लेखनीय और सराहनीय है। इससे जहां एक ओर कांग्रेस की सरकार की साफ नीयत उजागर हो रही है, वहीं इससे यह भी सिद्ध हो रहा है कि राम मंदिर और अन्य धार्मिक मुद्दों की आड़ में भाजपा दशकों तक जनभावनाओं का न केवल शोषण करती रही है, साथ ही, अपने पूरे कार्यकाल में, उन लोगों पर कोई कार्यवाही करने की बजाय, उन्हें अपना सरंक्षण दिया, जो मंदिरों की जमीनों पर बेखौफ होकर कब्जे कर व्यावसायिक उपयोग कर रहे थे। उपाध्याय ने कहा कि मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार पवित्र नीयत से मंदिरों और धार्मिक स्थलों के विकास के काम में पूरी श्रद्धा से जुटी हुई है, जो उन भाजपा नेताओं को बिल्कुल भी रास नहीं आ रहा, जो मंदिरों और धर्म के नाम पर, आज तक केवल अपनी राजनैतिक और आर्थिक रोटियां सेंकते रहे हैं।