इटारसी। नव अभ्युदय संस्था के सदस्यों ने समाज की एक सोच को बदलने पर मजबूर कर दिया कि महिलाएं खून दान नहीं कर सकती। पिछले दो दिनों से संस्था की सदस्यों ने मिलकर ब्लड डोनेशन में अपनी अहम् भूमिका निभाई।
संस्था अध्यक्ष सुमन सिंह ने बताया की महिलाओं का ब्लड चेकअप किया तो कुछ का हेमोग्लोबिन कम निकला तो कुछ का वजन कम था, फिर भी 9-10 महिलाएं और लड़कियां खून देने में सफल रही। सुमन सिंह ने कहा की अगर महिलाओं का हीमोग्लोबिन 12 के आसपास और वजन 50 किलो है, तो वो बिना डर के खून दे सकती हैं। बस जो महिलाएं बच्चे को दूध पिलाती हैं या कोई हाल ही में ऑपरेशन हुआ हो या उस समय उनकी माहवारी चल रही हो या किसी भी तरह की गंभीर बीमारी आदि हो तो खून न दें। आजकल किसी की भी जिंदगी का कोई भरोसा नहीं है, कभी भी किसी को किसी की जरूरत पड़ सकती है। इसलिए समाज में अपनी भूमिका बना कर चलें और लोगों की जरूरत को पूरा कर सकने में अगर सक्षम हैं तो जरूर करें।
पिछले दो दिनों में कविता मेहरा, सुमन सिंह, विनिता, सुष्मिता, अंकिता, सोनिका, कामिनी, बुलबुल, रुबीना ने रक्तदान किया। इस मौके पर डॉ दिनेश यादव, सुनीता वर्मा, अक्षय हेनरी, आशीष विल्सन, मोहन सोलंकी, मुकेश निरंजन, ममता अग्रवाल, कविता चौहान ने मिलकर महिलाओं की हौसला अफजाई की और सही मार्गदर्शन दिया।