महिलाओं ने किया हरितालिका और ऋषि पंचमी पूजन

इटारसी। हिन्दू धर्म के तीज त्योहारों का दौर प्रारंभ हो गया है। भादौमास में पहले हरितालिका पर्व से शुरुआत हुई। सोमवार को प्रात:काल तक हरतालिका व्रत में महिलाओं ने पूजा-अर्चना की। तीज और चतुर्थी तिथि एक साथ होने के कारण दूसरे दिन महिलाओं ने ऋषि पंचमी का व्रत भी किया।
पति, पुत्र और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए होने वाले महिलाओं के व्रत प्रारंभ हो गये हैं। सोमवार को हरितालिका व्रत में महिलाओं ने पूरा दिन और पूरी रात व्रत रखकर शिव पूजन किया। जहां युवतियों ने अपने लिए अच्छा वर पाने की प्रार्थना की तो महिलाओं ने पति की दीर्घायु और पुत्र प्राप्ति की कामना की। हरितालिका व्रत के दौरान घरों और मंदिरों में फुलेरा बांधे गये और सारी रात जागकर शिव की आराधना की। महिलाओं ने सुबह तक भजन कीर्तन किये और सुबह तालाबों, पोखरों में पूजन-सामग्री विसर्जिन कर व्रत का समापन किया। नयायार्ड रोड पर स्थित महेन्द्र मौर्य के निवास पर यह त्योहार मनाया गया। दोपहर बाद 4 बजे विद्वान ब्राह्मणों ने महिलाओं से भगवान गौरी शंकर का अभिषेक व हवन कराया। यहां उपस्थित होकर क्षेत्र की अनेक महिलाओं की ओर से श्रीमती आशा अग्निभोज एवं वर्षा मौर्य ने बताया कि माता-पार्वती ने भी यह पूजा की थी। उन्हीं के सिद्धांतों पर हम चल रहे हैं। हरितालिका व्रत पर पूरी रात महिलाओं ने भगगवान शिव के भजन गाये ।
प्रात: काल सामूहिक आरती के बाद भगवान गौरी शंकर की प्रतिमा को सामूहिक रूप से नदी में विसर्जित किया। मंगलवार को भी महिलाओं का व्रत जारी रहा। आज इन सभी व्रतधारी महिलाओं ने ऋषि पंचमी पूर्व भी मनाया और व्रत रखा। इस दौरान सामूहिक रूप से पंच ऋषि की पूजा-अर्चना कर अपने-अपने परिवार के सुख-समृद्धि की कामना की।

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