मां नर्मदा के प्रति थोड़ी श्रद्धा है तो कुछ करें – कमिश्नर

होशंगाबाद। नर्मदापुरम संभाग कमिश्नर उमाकांत उमराव ने गुरुवार को जिला पंचायत के सभाकक्ष में रिपेरियन जोन से संबंधित बैठक ली। कमिश्नर ने कहा कि मां नर्मदा के अस्तित्व को बचाने से बेहतर पूजा नहीं हो सकती कि हम मां नर्मदा के रिपेरियन जोन में अधिक से अधिक पौधे एवं विभिन्न प्रकार के वनस्पति के बीज लगाएं। कमिश्नर ने कहा कि यदि हमारे मन में नर्मदा नदी के प्रति थोड़ी भी श्रद्धा है तो हम मां के पुनर्जीवन के लिये प्रयास करें। यदि हम थोड़ा भी प्रयास करते हैं तो इसका लाख गुना प्रभाव पड़ेगा। यदि हमारी मां बीमार है और हम उसकी देखभाल नहीं कर रहे हैं तो इससे बड़ा कोई पाप नहीं है। इतिहास में यह पहली बार हो रहा है कि नर्मदा की सभी सहायक नदियां सूख गई हैं। कमिश्नर ने कहा कि वर्तमान स्थिति में नर्मदा नदी अंतिम सांसें गिन रहीं है और हमारे पास इसके अलावा और कोई विकल्प नहीं है कि हम समय रहते नदी पुनर्जीवन के लिये कार्य करें। नर्मदा नदी करोडों वर्षों से बह रही है लेकिन हमने मात्र 20 से 25 वर्षों में नदी को सुखा दिया है। कमिश्नर ने कहा कि सभी अधिकारी एवं कर्मचारी यह सोचते हैं कि रिपेरियन जोन में कार्य करना छोटा कार्य है। कमिश्नर ने कहा कि सभी अधिकारी अपने मन से यह बात निकाल दें और सही दिशा में कार्य करें। कमिश्नर ने कहा कि हम सही दिशा में जा रहे हैं भले ही हम आज परिणाम नहीं दे पा रहे हैं लेकिन आने वाले 7 से 10 वर्षों में इसका प्रभाव दिखाई देगा। जब रिपेरियन जोन हरा भरा हो जाएगा।
कमिश्नर श्री उमराव ने कहा कि जब अधिकारी बीज रोपण करने जाएं तो सभी के मन में एक आशा पैदा करें कि इस बीज से पौधे अंकुरित होंगे। उन्होनें कहा कि अभियान का लोगों पर सकारात्मक असर पड़ा है। नोडल अधिकारी दीपक राय ने सभी नोडल अधिकारियों, सचिव, उपयंत्रियों को निर्देश दिए कि वे नर्मदा के कछार से 1 किमी दूर तक छोटे छोटे कार्य कराए जिससे कछार में पानी रुकेगा और मिट्टी में नमीं बनी रहेगी। जन अभियान परिषद के जिला संयोजक कौशलेश तिवारी ने कहा कि 31 मई की स्थिति में 40 क्विटल विभिन्न प्रकार के बीज एकत्र किए जा चुके हैं। बैठक में जिला पंचायत सीईओ पीसी शर्मा, संयुक्त कलेक्टर आदित्य कुमार रिछारिया, समस्त जनपद पंचायत के सीईओ, पंचायत सचिव, उपयंत्री एवं नोडल अधिकारी मौजूद थे।

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