मानसिक और शारीरिक कष्ट से मिलती है मुक्ति

मानसिक और शारीरिक कष्ट से मिलती है मुक्ति

इटारसी। श्री दुर्गा नवग्रह मंदिर (Shri Durga Navgrah Mandir) में शिव के पार्थिव स्वरूप का पूजन एवं रूद्राभिषेक चल रहा है।इस दौरान मुख्य आचार्य विनोद दुबे ने कहा कि सावन मास में पार्थिव शिवलिंग पूजन का विशेष महत्व है। महिलाएं पार्थिव शिवलिंग का पूजन करती हैं। शिव महापुराण के अनुसार पार्थिव शिवलिंग पूजन से धन, धान्य, आरोग्य और पुत्र प्राप्ति होती है। वहीं मानसिक और शारारिक कष्टों से भी मुक्ति मिल जाती है।
शिव के पार्थिव स्वरूप के पूजन पर कहा कि कलयुग में इसकी शुरूआत कुष्माण्ड ऋषि के पुत्र मंडप ने की थी। मंडप पूरे सावन मास भर रेत के शिवलिंग अपनी हथेली पर बनाकर उसका पूजन और अभिषेक करते थे। बालक मंडप की भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान भोलेनाथ ने उसे वरदान मांगने को कहा परंतु मंडप ने बिना विचलित हुए धन और संपत्ति मांगने की वजह भगवान शिव और माता पार्वती की भक्ति मांगी। भगवान भोलेनाथ ने उसे तथास्तु कहा, शिव पूजन के समय मंडप को सर्वप्रथम याद किया जाता है। भगवान शिव के पार्थिव पूजन से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है। पं. विनोद दुबे ने कहा कि पुरूष या महिला जो शारीरिक रोगी है उन्हें इस महीने में स्वयं या किसी कर्मकांडी ब्राम्हण के माध्यम से महामृत्युंजय मंत्र का जाप कराना चाहिए।

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