मिसाल : मृत्युभोज न देकर संस्थाओं को दिया दान

इटारसी। साहित्यिक ग्राम जमानी में मृत्युभोज जैसी कुप्रथा को त्यागने का बेहतर उदाहरण सामने आया है। यहां के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत दुबे ने अपनी माता जी पुष्पा देवी के निधन के उपरांत मृत्युभोज न देकर श्रद्धांजलि सभा आयोजित की ओर जन कल्याण का काम करने वाली पांच सामाजिक संस्थाओं को दानराशि प्रदान की।
सामाजिक एवं साहित्यिक कार्यों में अपनी अनुकरणीय भूमिका निभाने वाले गांधी विचारक हेमंत दुबे की मां पुष्पा देवी का निधन तेरह दिन पूर्व हो गया था। आज उनकी तेरहवी के अवसर पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा शाम 4 बजे शुरु हुई। सभा के प्रारंभ में विद्वान ब्राह्मणों ने दिवंगत आत्मा के लिए शांतिपाठ किया। इसके पश्चात जनकल्याण का कार्य करने वाली सामाजिक संस्था गुरुद्वारा फ्री डिस्पेंसरी इटारसी, रोटी बैंक इटारसी, जीवोदय संस्था इटारसी, रेडक्रास सोसायटी और आर्ष गुरुकुल संस्था होशंगाबाद को 11-11 हजार रुपए की दानराशि के चेक श्रीमती पुष्पादेवी की स्मृति में प्रदान किये।
श्रद्धांजलि सभा में वरिष्ठ शिक्षाविद केएस उप्पल, गुरुकुल होशंगाबाद के आचार्य एवं ग्राम जमानी के बीके चौधरी ने संबोधित करके दुबे परिवार द्वारा मृत्युभोज बंद कर दान करने को सही कदम बताया साथ ही जीवन और मृत्यु पर भी प्रकाश डाला। ग्राम जमानी में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में शहर के गणमान्यजन भी बड़ी संख्या में शामिल हुए।

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