मुंबई और रूड़की ने जीते मैच, भोपाल, झांसी बराबर

इटारसी। अखिल भारतीय महात्मा गांधी हॉकी प्रतियोगिता में आज तीन मैच खेले गए। पहला मैच भुसावल और रूड़की के मध्य हुआ जिसमें रूड़की की टीम जीती। दूसरे मैच में सेंट्रल रेलवे मुंबई ने गोरखा रेजीमेंट शिलांग को हराया। उत्तर-मध्य रेलवे झांसी और भोपाल इलेवन के बीच हुआ तीसरा मैच बराबरी पर रहा।
गांधी मैदान पर खेली जा रही अखिल भारतीय महात्मा गांधी हॉकी प्रतियोगिता में आज तीन मैच खेले गए। पहला मैच काफी तेज चला और भुसावल और रूड़की के खिलाडिय़ों ने काफी तेज हॉकी खेली। मैच के मुख्य अतिथि अंतर्राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी मो. यूसुफ और कमर अली थे। मैच में पूरे वक्त रूड़की की टीम ने दबदबा बनाए रखा और मध्यांतर के पहले तक 1-0 की बढ़त बना ली। दूसरे हाफ में रूड़की के खिलाडिय़ों ने अपना जोरदार प्रदर्शन जारी रखा और दो गोल और करके मैच 3-0 से जीत लिया। दूसरा मैच गोरखा रेजीमेंट शिलांग और मध्य रेलवे मुंबई के बीच खेला गया। मैच में खिलाडिय़ों से परिचय प्राप्त करने अधिवक्ता संघ के अरविंद गोइल, वरिष्ठ अधिवक्ता रघुवंश पांडेय सहित संघ के सदस्य मैदान पर पहुंचे थे। मध्यांतर तक मुंबई ने एक गोल करके बढ़त बना ली थी। मध्यांतर के बाद शिलांग ने एक गोल करके मुकाबला बराबरी का कर लिया लेकिन मुंबई ने दूसरा गोल करके मुकाबला 2-1 से जीत लिया। तीसरा मैच काफी रोमांचक रहा। उत्तर-मध्य रेलवे झांसी और भोपाल इलेवन की टीम मैदान पर थी। भोपाल की टीम में तीन खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय खेलों का अनुभव प्राप्त थे। दोनों टीमों ने लगातार एक दूसरे पर गोल के प्रयास किया। दोनों टीमों को दो-दो ऐसे मौके मिले जो गोल में बदले गए। मैच का परिणाम भी 2-2 से बराबरी पर रहा।

ये थे अम्पायर
पहले मैच में हनीफ खान बिलासपुर और रवि हरदुआ इटारसी, दूसरे मैच में प्रवीण कुमार जबलपुर और भरत कुमार वाराणसी तथा तीसरे मैच में हनीफ खान बिलासपुर और सुरेन्द्र गोड़ वाराणसी अम्पायर थे।

जानिए किसके हैं कितने अंक
पूल ए की टीम
टीम मैच जीत हार ड्रा अंक
इटारसी – 1 0 1 0 0
मुंबई – 2 1 1 0 3
शिलांग- 2 1 1 0 3
नासिक – 1 1 0 0 3
पूल बी टीम
भोपाल- 1 0 0 1 1
झांसी – 1 0 0 1 1
रूड़की – 1 1 0 0 3
भुसावल – 1 0 1 0 0

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हिन्दुस्तान में कोचिंग का स्तर सुधारना होगा
भोपाल टीम के साथ तीन अंतर्राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी मो. उमर, अफ्फान यूसुफ और अमित मलिक आए हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके मो. उमर ने कहा कि हिन्दुस्तान की अपेक्षा विदेशों में हॉकी के लिए सुविधाओं के साथ-साथ प्रारंभिक स्तर से कोचिंग की अच्छी व्यवस्थाएं होती हैं, हिन्दुस्तान में कोचिंग का स्तर सुधारकर इंटरनेशनल लेबल पर लाना होगा। मो. उमर का मानना है कि हिन्दुस्तानी कोच से ज्यादा अच्छा विदेशी कोच होते हैं जो खिलाडिय़ों के फिटनेस के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन के लिए बेहतर तैयारी कराते हैं। मो. उमर का मानना है कि विदेशों में जो माडर्न हॉकी खेली जाती है, उससे हम काफी पीछे हैं। कोच भी हिन्दुस्तान में काफी कम हैं। विदेशों में टीमभावना से खेलते हैं। मप्र में सरकार डाइट और सुविधाएं तो अच्छी मुहैया करा रही है, लेकिन इतने से बात नहीं बनती, कोच अच्छे होना चाहिए। हमारे यहां प्लेयर भी काफी कम हैं, हमें प्लेयर भी बढ़ाने होंगे तभी हम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विदेशी टीमों से मुकाबला कर पाएंगे।
मो. उमर ने जूनियर एशिया कप मलेशिया में आयोजित टूर्नामेंट क्वांटन कप में 2015 में भारतीय टीम से प्रतिनिधित्व किया था जिसमें गोल्ड मैडल मिला था। इसी तरह से साउथ एशिया गेम्स सीनियर में 2016 में सिल्वर मैडल, अंडर-18 एशिया कप 2016 में बांग्लादेश में गोल्ड मैडल और फाइव नेशन इन्वीटेशन टूर्नामेंट में नीदरलैंड में ब्रांज मैडल जीता था।

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