इटारसी। देश में बुलेट ट्रेन का सपना दिखाने वाली रेलवे अपने ही यात्रियों को पीने के लिए पानी नहीं दे पा रही है, ये हालात कोई छोटी स्टेशन के नहीं बल्कि मध्यप्रदेश के प्रमुख रेल जंक्शन के हैं जो राजधानी भोपाल के काफी निकट है। हर वर्ष गर्मियों में बदतर होते हालात के बावजूद रेलवे ने यहां की पानी की समस्या को अब तक कोई निदान नहीं खोजा है। आज फिर एक ट्रेन के यहां से बिना पानी दिए रवाना किया तो यात्रिों ने हंगामा कर दिया। यात्री ट्रेन में पानी भरने की मांग कर रहे थे।
पुणे-दानापुर 12150 एक्सप्रेस में पानी नहीं होने से यात्रियों ने यहां रेलवे स्टेशन पर काफी हंगामा किया। सूचना मिलने पर मौके पर डिप्टी एसएस पहुंचे और यात्रियों को समझाने का प्रयास किया। आरपीएफ के अधिकारियों ने भी यात्रियों को यहां पानी की कमी से अवगत कराते हुए अगले स्टेशन पर पानी मिलने का आश्वासन दिया लेकिन यात्री मान ही नहीं रहे थे। ट्रेन को इस बीच सिग्नल देकर आगे बढ़ाने का प्रयास किया तो यात्रियों ने चेन पुलिंग करके ट्रेन रोक दी। यात्रियों ने बार-बार चेन खींचकर ट्रेन को रोका। इस दौरान ट्रेन प्लेटफार्म से काफी आगे निकल चुकी थी, लेकिन यात्रियों के बार-बार चेन पुलिंग करने पर ट्रेन को वापस प्लेटफार्म पर लाकर पानी भरकर रवाना किया गया। इस कवायद में ट्रेन लगभग एक घंटे की देरी से यहां से रवाना हुई।
छह कोच निकल गए थे
12150 पुणे-दानापुर एक्सप्रेस दोपहर बाद लगभग 3:30 बजे इटारसी स्टेशन के प्लेटफार्म क्रमांक 5 पर आयी। यहां यात्रियों ने ट्रेन में पानी नहीं होने को लेकर पहले मौजूद कर्मचारियों से बातचीत की, लेकिन कर्मचारियों ने यहां पानी की समस्या बताते हुए अगले स्टेशन पर पानी मिलने की बात की। यात्री यहीं से ट्रेन में पानी भरने की मांग को लेकर हंगामा करने लगे। सीएंडडब्ल्यू के अधिकारियों ने भी पानी नहीं भर पाने की मजबूरी बतायी और अगले स्टेशन पर पानी मिलने का भरोसा दिलाने का प्रयास किया। इस बीच सिग्नल होने पर ट्रेन चलने लगी लेकिन यात्रियों ने चेन पुलिंग करके ट्रेन को रोका और हंगामा किया। उनका कहना था, जब तक पानी नहीं मिलेगा ट्रेन नहीं बढऩे देंगे। इस बीच फिर से ट्रेन चलाने का प्रयास किया तो फिर चेन पुलिंग हो गई। इस तरह से आगे बढ़ाने और चेन पुलिंग के बीच ट्रेन की करीब छह बोगियों प्लेटफार्म से आगे निकल गईं थी, यात्रियों ने जब ट्रेन को आगे नहीं बढऩे दिया तो आखिरकार ट्रेन को वापस लाकर उसमें पानी भरा गया। इस कवायद में ट्रेन शाम करीब 4:35 पर यहां से रवाना हो सकी।