इटारसी। आगामी दिसंबर में होने वाले कुछ राज्यों के विधानसभा चुनाव और अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में हिन्दुओं से केवल उनको ही वोट देने को कहा जाएगा जो हिन्दुओं के हित की बात करेगा। अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू परिषद ने कुछ मांगें प्रकाशित की हैं, जिसमें संसद में काशी, मथुरा और अयोध्या में मंदिर के लिए कानून, गौरक्षा कानून, समान नागरिक संहिता, कश्मीरी हिन्दुओं को कश्मीर में बसाकर बांग्लादेशियों को ढाका भेजना, सभी फसलों पर समर्थन मूल्य के साथ किसान की आमदनी बढ़ाना, युवाओं को रोजगार, सस्ती एवं गुणवत्तायुक्त शिक्षा जैसी मांग शामिल हैं। जो भी पार्टी इन मांगों को माने, हिन्दुओं को उनको ही वोट देने को कहा जा रहा है। 30 करोड़ हिन्दुओं के हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं।
यह बात अंतराष्ट्रीय हिन्दू परिषद के अध्यक्ष डॉ. प्रवीणभाई तोगडिय़ा ने यहां अपने इटारसी प्रवास के दौरान मीडिया से चर्चा में कही। वे अपने समर्थक भारतसिंह राजपूत के निवास पर आज सुबह प्रेस से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी भी कांग्रेस की बी-टीम है। जो काम कांग्रेस ने किए, उसी राह पर भाजपा भी है, ऐसे में सरकार बदलने की क्या जरूरत थी। इस समय देश में कांग्रेस बनाम कांग्रेस चल रही है। उनके संगठन के चुनावी राजनीति में जाने की संभावना पर कहा कि फिलहाल तो नहीं, लेकिन यह भी जोड़ा कि हिन्दुओं को राजनीतिक बल चाहिए। देश में भीड़ द्वारा पीटे जाने जैसे मामले बढऩे पर कहा कि सरकार पुलिस से गौहत्या बंदी कानून का पालन कराए तो कौन किसको पीटेगा? सरकार नाकाम हो रही है और भीड़ पर ठीकरा फोड़ रहे हैं।
एनआरसी मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा क केन्द्र और असम में भाजपा की सरकार है, 30 दिसंबर को एनआरसी ड्राफ्ट फाइनल होगा, 31 दिसंबर को नरेन्द्र मोदी 40 लाख बांग्लादेशियों को ढाका भेज दें तो मान जाऊंगा कि उनका 56 इंच का सीना है। यदि 31 दिसंबर तक बांग्लादेशियों को ढाका नहीं भेजा तो अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू परिषद सारे देश से बांग्लादेशियों को ढाका भेजने का अभियान चलाएगा। उन्होंने कहा कि राम मंदिर को चुनावी जुमला बना दिया, संसद में कानून बनाने का वादा नहीं निभाया है।
हिन्दू ही आगे की नीति पर चल रही अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू परिषद का एजेंडा बताते हुए कहा कि धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक मामलों में हिन्दू ही आगे होना चाहिए। डॉ. तोगडिय़ा ने कहा कि देश में हिन्दुओं की नहीं, कश्मीर के पत्थरबाजों की, आतंकवादियों और अलगाववादियों की आवाज चल रही है। हमारा उद्देश्य है हिन्दू समाज को धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समस्याओं को सुलझाकर आगे ले जाना। विहिप और अहिप के कारण हिन्दू बंट गया जैसे सवाल पर बोले, इससे हिन्दुओं का ही भला होने वाला है। जितने अधिक संगठन काम करेंगे उतना ही अच्छा है। संगठन कई हो सकते हैं, लेकिन हिन्दू समाज तो एक ही है।