रामकथा : धैर्य, धर्म, मित्र और स्त्री की पहचान विपत्ति के समय ही होती है

इटारसी। श्री द्वारिकाधीश मंदिर परिसर में चल रही श्रीराम कथा का विश्राम शुक्रवार को हो गया एवं शनिवार को दोपहर 12 बजे ठाकुर श्री द्वारिकाधीश की प्रतिमा के समक्ष श्रीमहंत प्रज्ञा भारती द्वारा प्रभु श्रीराम के जन्म महोत्सव पर बधाई गीत और भजन प्रस्तुत की जाएंगे।
श्रीराम कथा विश्राम पर अंतराष्ट्रीय राम कथाकार काग पीठाधीश्वर श्रीमहंत प्रज्ञा भारती को विदाई दी गई। समिति के मुख्य संरक्षक डॉ. सीतासरन शर्मा, संरक्षक प्रमोद पगारे, अध्यक्ष सतीश अग्रवाल सांवरिया, कार्यकारी अध्यक्ष जसवीर सिंह छाबड़ा एवं संजय खंडेलवाल, सचिव अशोक शर्मा, कोषाध्यक्ष संदीप मालवीय उपस्थित थे। डॉ. सीतासरन शर्मा ने शाल श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह देकर समिति की ओर से व्यासपीठ से श्रीमहंत प्रज्ञा भारती को विदाई दी। इस अवसर पर डॉ. सीतासरन शर्मा ने कहा कि श्रीमहंत प्रज्ञा भारती बाल्यकाल से रामकथा का रसपान कराने इटारसी आ रही हैं। अब उनकी गिनती देश के बड़े संतों में होने लगी है। श्रीराम जन्म महोत्सव का ही प्रताप है कि उन्हें उज्जैन सिंहस्थ कुंभ में श्रीमहंत की उपाधि मिली। डॉ. शर्मा ने उनके यशस्वी जीवन की मंगल कामना की।
समिति के अध्यक्ष सतीश अग्रवाल सांवरिया ने कहा कि श्रीराम जन्म महोत्सव हमारे शहर के पूर्वजों की देन है और हम तो उनके बताए मार्ग पर चल रहे हैं। कार्यकारी अध्यक्ष जसवीर सिंह छाबड़ा, संरक्षक प्रमोद पगारे, सचिव अशोक शर्मा ने भी संबोधित किया। कोषाध्यक्ष संदीप मालवीय ने वर्ष 2018-19 का समिति का आय-व्यय पत्रक प्रस्तुत किया।
श्रीमहंत प्रज्ञा भारती ने अपने विदाई समारोह में कहा कि मुझे मानस मणी की उपाधि इटारसी से मिली। सिंहस्थ महाकुंभ श्रीमहंत की उपाधि मिली एवं बनारस विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्ट्रेट की मानस उपाधि प्रदान की गई। इस सब के पीछे इटारसी की रामकथा में प्रभु श्रीराम का गुणगान है जिसे मैं कभी भुला नहीं सकती। विश्राम दिवस की कथा पर उन्होंने अत्रि ऋषि की पत्नी अनसुईया के द्वारा माता सीता को पतिव्रत धर्म के बताए गए नियम को स्पष्ट किया। विश्राम दिवस के अवसर पर श्रीचंद्रकांत अग्रवाल ने समिति की ओर से आयोजन को सफल बनाने नगरवासियों और दानदाताओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की।
श्रीराम का जन्मोत्सव मनेगा
श्री द्वारिकाधीश मंदिर में श्रीराम जन्मोत्सव 13 अप्रैल को मनाया जाएगा। इस दौरान शोभायात्रा सायंकाल 6 बजे श्री द्वारिकाधीश मंदिर से निकाली जाएगी। 12 बजे ठाकुर श्री द्वारिकाधीश की प्रतिमा के समक्ष मनाया जाएगा एवं भगवान द्वारिकाधीश को प्रभु श्रीराम के धर्नुधारी रूप में सजाया जावेगा। श्रीमहंत प्रज्ञा भारती दोपहर 11:30 बजे प्रभु श्रीराम के प्राकृट्य की कथा के साथ जन्म के समय बधाई के गीत एवं भजन भी प्रस्तुत करेंगी। शोभायात्रा सांयकाल 5 बजे श्री द्वारिकाधीश मंदिर से प्रारंभ होकर मंदिर की परिक्रमा करते विभिन्न मार्गों से होते हुए वापस द्वारिकाधीश मंदिर में संपन्न होगी।

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