इटारसी। आतंकवादी संगठन जैश-ए-मुहम्मद द्वारा देश के 11 प्रमुख रेलवे स्टेशनों को उड़ाने की धमकी के बाद प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था में जुट गया है। इटारसी रेलवे स्टेशन पर कलेक्टर, एसपी व अन्य पुलिस अधिकारियों ने दौरे अवश्य किये लेकिन मप्र के सबसे बड़ा रेल जंक्शन इटारसी में सुरक्षा के प्रति स्थानीय सुरक्षा एजेंसी गंभीर नहीं लगती। दोपहर में जब हमने यहां का दौरा किया तो कई खामियां नजर आयीं। मामले की गंभीरता को देखते हुए इन खामियों को तत्काल दूर करने की आवश्यकता है।
प्रदेश का मुख्य रेल जंक्शन इटारसी आतंकवादियों के निशाने पर है। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के नाम से हरियाणा में रोहतक रेलवे स्टेशन के सुपरीटेंडेंट के नाम से भेजे खत में देश के 11 प्रमुख रेलवे स्टेशनों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है, जिसमें इटारसी रेलवे स्टेशन भी शामिल है। इस धमकी के बावजूद रेलवे स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था जितनी चाक चौबंद होनी थी, वह दिखाई नहीं देती है। दोपहर में जब हमने यहां का दौरा किया तो कई खामियां नजर आयीं।
प्रतीक्षालय में नहीं था सुरक्षाकर्मी
मुसाफिरखाने में कोई भी सुरक्षाकर्मी नजर नहीं आया जबकि यहां जीआरपी जवान की ड्यूटी होना चाहिए। यात्रियों की भीड़ थी, लेकिन कोई सुरक्षा कर्मी नहीं था। मुसाफिरखाने में सैंकड़ों यात्री होते हैं। लेकिन, यहां हर रोज की कहानी यही है कि कोई सुरक्षा कर्मी मुसाफिरखाने में नहीं होता है। यही हाल लगेज स्कैनर का है। यह कई महीनों से बंद पड़ा है और मुसाफिर इसके साइड से बड़े-बड़े सामान लेकर आना-जाना कर रहे थे, उनको रोकने-टोकने वाला भी कोई नहीं था। ऐसे हालात में सोचा जा सकता है कि स्थानीय अधिकारी कितने सजग या गंभीर हैं।
खुला है स्टेशन परिसर
रेलवे स्टेशन की बात करें तो यह चारों ओर से खुला है। जहां कभी बैस किचन बना था, उस हिस्से से तो चार पहिया वाहन लेकर स्टेशन के पास तक पहुंचा जा सकता है। यहां भी किसी सुरक्षा कर्मी की मौजूदगी हमें दिखाई नहीं दी। रेलवे माल गोदाम तरफ भी कोई नहीं था। ये दोनों ही स्थान ऐसे हैं जहां से कोई भी बिना किसी रोकटोक के भीतर आ और जा सकता है। सुरक्षा एजेंसियों को अपनी इस कमजोरी को तत्काल प्रभाव से दूर करना होगा। रेलवे प्लेटफार्म भी जवानों को मुस्तैद नहीं देखा गया है। रेलवे स्टेशन के पूर्वी छोर पर भी कोई विशेष सुरक्षा व्यवस्था नहीं है। बारह बंगला तरफ से एफओबी पर आने वाले रास्ते में किसी की ड्यूटी लगी नहीं देखी। सवाल यह है कि अलर्ट में यदि ऐसी ड्यूटी होती है तो आम दिनों में क्या हाल होता होगा?
कलेक्टर-एसपी ने किया निरीक्षण
जिला प्रशासन ने धमकी को गंभीरता से लिया है। सोमवार की शाम को कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह, एसपी एमएल छारी, एसडीएम हरेन्द्र नारायण, एसडीओपी उमेश द्विवेदी और टीआई राघवेन्द्र सिंह ने रेलवे स्टेशन पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी ली। अधिकारी सबसे पहले स्टेशन प्रबंधक के कार्यालय में पहुंचे। यहां बातचीत के बाद फुट ओवरब्रिज से मुसाफिर खाने में बने आरपीएफ के सीसीटीवी कंट्रोल रूम में जाकर सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी ली। वहां से आकर आटो चालकों से बातचीत करके उनको संदिग्ध गतिविधियां दिखाई देने पर तत्काल अधिकारियो को खबर करने को ताकीद किया।
ये 11 स्टेशन हैं निशाने पर
आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इटारसी और राजधानी भोपाल समेत देश के आधा दर्जन रेलवे स्टेशनों और मंदिरों का बम से उड़ाने की धमकी दी है। जैश-ए-मोहम्मद के धमकी भरे लेटर में लिखा है कि आने वाले 8 अक्टूबर को इटारसी और भोपाल रेलवे स्टेश समेत देश के कई रेलवे स्टेशन और मंदिरों को बम से उड़ा दिया जाएगा। जैश-ए- मोहम्मद का जो लेटर मिला है उसमें देश के 11 स्टेशनों का बम से उड़ाने की धमकी दी है। धमकी पत्र में रोहतक जंक्शन सहित रेवाड़ी, हिसार, कुरुक्षेत्र, मुंबई सिटी, बेंगलुरु, चेन्नई, जयपुर, भोपाल, कोटा और इटारसी रेलवे स्टेशनों के अलावा राजस्थान, गुजरात, तमिलनाडु, एमपी, यूपी और हरियाणा के मंदिरों को बम से उड़ाने का जिक्र है। इस धमकी भरे लेटर मिलने के बाद भोपाल और इटारसी रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। हालांकि खत जिस कागज पर लिखा गया है, वह हिन्दुस्तानी नोट बुक का पन्ना साफ नजर आ रहा है, साथ ही खत हिन्दी में ही लिखा गया है। माना जा सकता है कि यह हिन्दुस्तान में ही कहीं से लिखकर भेजा गया हो।
पहले भी मिली हैं धमकी
इटारसी देश का प्रमुख रेलवे जंक्शन है। यहां से देश के चारों ओर महानगरों का जुड़ा रेलवे के माध्यम से है। इस रेलवे स्टेशन को धमकी का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई सिरफिरे इसे उड़ाने की धमकी देकर सुरक्षा एजेंसियों को परेशान कर चुके हैं। लेकिन, यह पहला मौका है जब आतंकी संगठन की तरफ से इस तरह की धमकी रेलवे को मिली है। इससे पहले 2 फरवरी 16 के अलावा 16 जुलाई 17 और 11 अगस्त 17 को भी ऐसी धमकियां मिल चुकी हैं। हर धमकी के बाद रेलवे स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी जाती है और जीआरपी, आरपीएफ और सिटी पुलिस भी यहां सुरक्षा में लग जाती है। धमकी भरा खत मिलने के बाद से पुन: रेलवे स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद करने में रेलवे की सुरक्षा एजेंसियां जुट गयी हैं।
आउटर पर भी निगरानी की जरूरत
इटारसी पश्चिम मध्य रेल का सबसे बड़ा जंक्शन है। चारों ओर से ट्रेनों की आवाजाही होती है और यहां चारों तरफ से आउटर्स पर सुरक्षा करना किसी चुनौती से कम नहीं है। चारों आउटर से लगे आवासीय क्षेत्र अपराधों की दृष्टि से भी संवेदनशील हैं लेकिन न तो यहां सुरक्षा के इंतजाम हैं और न ही रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था। ऐसी स्थिति में जहां रेलवे स्टेशन के भीतरी हिस्सों में सजगता की जरूरत है, वहीं इन आउटर्स पर भी कड़ी निगरानी की जरूरत है। रेलवे की सुरक्षा एजेंसियों को वर्तमान के अलावा अतिरिक्त बल की मांग करके आउटर्स और रेलवे स्टेशन परिसर की सुरक्षा चाक चौबंद करना चाहिए। इन आउटर्स से अवैध वेंडर, लूटपाट करने वाले आपराधिक तत्वों की मौजूदगी भी सुरक्षा एजेंसियों के लिए हमेशा चुनौती पैदा करती रही है।
इनका कहना है…!
अलर्ट के मद्देनजर यहां आकर व्यवस्थाएं देखी हैं। स्थानीय अधिकारियों को कुछ निर्देश दिये गये हैं। संदिग्धों पर नजर रखने के लिए कहा है। सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की जाएगी।
शीलेन्द्र सिंह, कलेक्टर
किसी प्रकार की चूक न हो, इसके पुख्ता इंतजाम किये जा रहे हैं। जीआरपी, आरपीएफ और सिटी पुलिस के अफसरों से आपसी तालमेल बनाकर काम करने को कहा है। वेंडर, कुली और आटो चालकों को कहा है कि कोई भी संदिग्ध गतिविधि या व्यक्ति दिखने पर तत्काल सूचना दें।
एसपी एमएल छारी, एसपी