लगातार बारिश से नदी-नाले उफान पर, धरती की प्यास बुझी

नेशनल हाईवे सहित अन्य मार्गों पर कई घंटे लगा जाम
इटारसी। देर से आये मानसून ने नदी-नालों का सूखा खत्म कर दिया है और जमीन की प्यास भी बुझा दी है। तीन दिनों से आसमान पर छाए बादल कुछ विश्राम के साथ लगातार बरस ही रहे हैं, मौसम विभाग ने आगामी 48 घंटों में होशंगाबाद सहित प्रदेश के अनेक जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है । बारिश से शहर के निचले क्षेत्र जलमग्न हो गये हैं और कई जगह जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। नेशनल हाईवे सहित अन्य मार्गों पर पुलिया और पुलों के ऊपर से पानी बह रहा है और कई मार्ग पूरी तरह से बंद हो चुके हैं। शाम को एसडीएम हरेन्द्र नारायण ने तहसीलदार तृप्टि पटेरिया, नायब तहसीलदार रितु भार्गव सहित राजस्व विभाग और नगर पालिका के कर्मचारियों के साथ निचले इलाकों का दौरा किया और पुलियाओं से पानी निकासी की स्थिति को बेहतर बनवाया।
लगातार हो रही बारिश से निचले इलाकों में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। गुरुवार से लगातार बारिश हो रही है जिससे जन जीवन प्रभावित हो गया है। लगातार दिन और रात में बरसे पानी ने नदी-नालों को उफान पर ला दिया है। शहर की नालियों में वर्षा पूर्व की गई सफाई की सच्चाई इस बारिश ने सामने लाकर रख दी है। दरअसल, शहर के भीतर की हर छोटी-बड़ी नाली में उफनकर पानी बह रहा था तो सड़कों पर भी आ रहा था। कई जगह तो सड़क और नाली का अंतर ही दिखाई नहीं दे रहा था। मेहरागांव और घाटली की पहाड़ी नदी, सोनासांवरी नदी, ढॉबाकलॉ में हथेड़ नदी का पुल बह गया तो नेशनल हाईवे पर सुखतवा और भौंरा में नदी में भरपूर पानी बह रहा था। एनएच पर धार के पास नदी का पानी पुल के ऊपर से बहने से मार्ग कई घंटे बंद रहा। कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह और एसपी एमएल छारी भी इटारसी आए लेकिन यहां का विजिट नहीं करके कलेक्टर सीधे सिवनी मालवा के लिए निकल गये, जबकि कलेक्टर के मेहरागांव और अवाम नगर के विजिट करने जाने की खबरें थीं।

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सभी पुलों पर था पानी
पहाड़ों से आने वाली दोनों नदियां उफान पर थीं और नयायार्ड जाने वाले मार्ग पर, डोलरिया मार्ग पर नदियों में लबालब पानी बह रहा था तो बूढ़ी माता मंदिर के पीछे भी नदी उफान पर चल रही थी। ठंडी पुलिया में तीनों पुलिया में से पानी बह रहा था तो यहां सुबह एक रेत से भरी ट्रैक्टर ट्राली फंस गया थी जिसे जेसीबी की मदद से बाहर निकाला गया। ठंडी पुलिया के दूसरी तरफ रेलवे के फिल्टर प्लांट के लिए पानी रोकने बनाया स्टाप डेम के गेट नहीं खोलने से समीप की बस्तियों में घरों के भीतर तक पानी घुस गया था। रेलवे के अधिकारियों को सूचना के बावजूद उन्होंने यहां आकर स्थिति में सुधार के कोई प्रयास नहीं किये। बंगलिया के पुल में झाडिय़ां फंस जाने से पानी रुक रहा था और पुल के ऊपर से बहने लगा था। पार्षद श्रीमती प्रियंका चौहान की सूचना पर विधायक प्रतिनिधि कल्पेश अग्रवाल और सभापति राकेश जाधव स्वयं जेसीबी के साथ पहुंचे और झाडिय़ां निकलवायीं, जबकि सीएमओ का फोन सुबह के वक्त बंद रहा।

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घरों में भी घुस रहा था पानी
लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश के कारण जहां आबादी वाले हिस्सों में भी मैदानों में पानी भरा था तो निकास के अभाव में मकानों में भी पानी घुस रहा था। एमजीएम कालेज के पास स्थित झुग्गी बस्तियों में घरों में पानी भरा था। मेहरागांव में नदी किनारे कुछ मकानों में निकास के अभाव में ऊपरी हिस्से से पानी आकर घरों में घुस गया था। नाला मोहल्ला स्थित टपरिया मोहल्ले में भी सड़कों पर पानी था जो लोगों की दहलीज तक पहुंच गया था। बारह बंगला में जुझारपुर जाने वाले मार्ग पर भी पुलिया पर पानी था तो कुछ घरों में भी पानी भर गया था। रातभर बारिश से कई बस्तियों में लोगों को घरों में घुसे पानी को उलीचते देखा गया था।

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पीपल के पुराने दो पेड़ गिरे
लगातार बारिश के कारण जमीन काफी नर्म हो गयी है। ऐसे में वर्षों पुराने पेड़ जिनकी जड़े कमजोर हो चली हैं, वे जड़ें छोड़कर गिर रहे हैं। बारह बंगला में पीपल के दो विशालकाय पेड़ जमीन से जड़ें छोड़कर बंगलों पर गिर गये हैं। इनमें से एक बंगला तो खाली थी और दूसरे में कुछ अप्रेंटिस करने वाले युवा रह रहे थे। सुबह करीब 9 बजे जब ये युवा बंगले के भीतर टीवी पर प्रोग्राम देख रहे थे कि अचानक रोड किनारे लगा विशालकाय पीपल का पेड़ गिरा। जोरदार आवाज आने के बाद जब ये बाहर निकले तो पेड़ गिरने के बावजूद बंगले का नुकसान नहीं और स्वयं को सुरक्षित देखकर ईश्वर को धन्यवाद दिया। पेड़ इतना भारी-भरकम होने के बाद भी बंगले का कोई अधिक नुकसान नहीं हुआ। महज के कोने से टकराकर पेड़ रुक गया।

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तवा बांध में खाली वोट पलटी
तवा बांध में भी बैतूल, पचमढ़ी और पहाड़ों पर हुई बारिश के बाद करीब छह फुट पानी बढ़ गया है। दोपहर में तेज हवा के साथ बहाव में तवा में खड़ी दस सीटर नाव पलट गयी। हालांकि नाव खाली थी और उसमें कोई नहीं होने से कोई जनहानि नहीं हुई। उधर बैतूल जिले के सारणी स्थित सतपुड़ा डेम के पांच गेट एक-एक फुट खोले जाने के कारण तवा में तेजी से पानी आ रहा है और तवा के जलस्तर में लगातार इजाफा हो रहा है। तवा का निर्धारित जलस्तर 1166 फुट है और इस स्तर तक ही उसे भरा जाता है। अभी करीब 45 फुट पानी खाली है, डेम के गेट खुलने की संभावना नहीं है।

तवा बांध की स्थिति (28 जुलाई)
सुबह 8 बजे : लेबल 1119.50
वर्षा : तवा-83.2, पचमढ़ी 34.4
सुबह 9 बजे : 1119.80
वर्षा, (6-9 बजे) तवा 34.6, पचमढ़ी 13.4
दोपहर 12 बजे : लेबल-1121.20
वर्षा, तवा, 15.2 पचमढ़ी 20.2
सारणी डेम के 3 गेट 3 फुट खोले-7400 क्यूसेक डिस्चार्ज
शाम 3 बजे : 1122.40
वर्षा : (12-3 बजे) तवा, 11.2, पचमढ़ी 2.2 एमएम
सारणी डेम के 5 गेट 3 फुट खुले
डिस्चार्ज 12350 क्यूसेक
शाम छह बजे, तवा का जलस्तर 1123.40 फुट, वर्षा 3 से 6 बजे के बीच- तवा में 12.2 मिमी, पचमढ़ी में 3.8 मिमी दर्ज की गई। शाम को 5:15 बजे सारणी डेम के पांच गेट दे फुट तक खुले थे जिनसे 8500 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया जा रहा था।

संभाग के जिलों में भारी वर्षा की संभावना
मौसम विभाग ने आगामी 48 घंटों में सभाग के सभी जिलों में भारी बारिश होने की संभावना जतायी है।

मौसम को प्रभावित करने वाले कारक
पहला महत्वपूर्ण : मानसून द्रोणिका बीकानेर, सवाई माधोपुर, टीकमगढ़, जमशेदपुर, दीघा से दक्षिण पूर्व से मध्यपूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी तक समुद्र तल से 2.1 किलोमीटर ऊंचाई पर से गुजर रही है।
दूसरा : हवा की ऊपरी भाग में चक्रवाती हवा का घेरा उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी एवं उसके आसपास 7.6 किलोमीटर ऊंचाई तक बना हुआ है, जो ऊंचाई के साथ दक्षिण पश्चिम दिशा की ओर झुका हुआ है, जिसके कारण आगामी दो-तीन दिनों में कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है ।
तीसरा : हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश से लगे पूर्वी राजस्थान में 4.5 किलोमीटर ऊंचाई तक बना हुआ है, जो दक्षिण दिशा की ओर ऊंचाई के साथ झुका हुआ है।
चौथा : उत्तर पश्चिम राजस्थान से उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी तक हवा के ऊपरी भाग में चक्रवाती हवा का घेरा बना हुआ है जो उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश से लगे उत्तर राजस्थान उत्तर छत्तीसगढ़ एवं उत्तर उड़ीसा से होकर गुजर रही है जो 3.1 एवं 5.8 किलोमीटर की ऊंचाई पर बना है जो ऊंचाई के साथ दक्षिण दिशा की ओर झुका हुआ है।

जिले में अभी तक 372.8 मिमी वर्षा
होशंगाबाद जिले में 1 जून से आज 28 जुलाई को प्रात: 8 बजे तक 372.8 मिलीमीटर वर्षा दर्ज हुई है। जबकि इसी अवधि में गत वर्ष 463.8 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई थी। अधीक्षक भू अभिलेख कार्यालय से प्राप्त जानकारी अनुसार 28 जुलाई को प्रात: 8 बजे तक जिले में 54.1 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है जिसमें तहसील होशंगाबाद में 106.2 मिलीमीटर, सिवनीमालवा में 175, इटारसी में 40.4, बाबई में 42, सोहागपुर में 21, पिपरिया में 5.4, बनखेड़ी में 6.4, डोलरिया में 54 एवं पमचढ़ी में 36.4 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। जिले की औसत सामान्य वर्षा 1311.7 मिलीमीटर है। गत वर्ष 1 जून से 15 अक्टूबर 2018 तक जिले में कुल 789.1 मिली मीटर वर्षा दर्ज की गई थी।
जिले में 1 जून से 28 जुलाई तक होशंगाबाद में 450.7, सिवनी मालवा में 481, इटारसी में 287.8, बाबई में 311, सोहागपुर में 386, पिपरिया में 301.8, बनखेड़ी में 417.8, डोलरिया में 321.9 एवं पचमढ़ी में 397.2 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। इसी अवधि में गत वर्ष होशंगाबाद में 636.6, सिवनीमालवा में 373, इटारसी में 457, बाबई में 296, सोहागपुर में 576, पिपरिया में 416.8, बनखेड़ी में 304.6, एवं पचमढ़ी में 650 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई थी। सेठानीघाट का अलार्म स्तर 964 फीट है एवं खतरे का जल स्तर 967 फीट है। वर्तमान में नर्मदा का जल स्तर 935.20 फीट है। इसी तरह से तवा का अधिकतम जल स्तर 1166 फीट है, जबकि वर्तमान स्थिति में तवा जलाशय का जल स्तर 1123.40 फीट है। इसी तरह से बरगी जलाशय का अधिकतम जल स्तर 422.76 मीटर है जबकि वर्तमान में बरगी जलाशय का जल स्तर 415.50 मीटर है। वहीं बारना जलाशय का अधिकतम जल स्तर 348.55 मीटर है वर्तमान में बारना जलाशय का जल स्तर 338.72 मीटर है।

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