लाइनिंग में निकली हजारों डंपर मिट्टी खोदकर बेची

रेलवे को सप्लाई की जा रही है चोरी की मिट्टी
इटारसी। रेलवे द्वारा शहर के पश्चिमी हिस्से से निकाले जा रहे फ्लाईओवर के लिए जिन प्रायवेट लोगों से मिट्टी ली जा रही है, वह मिट्टी चोरी की है। इस कार्य में ग्रामीण क्षेत्र के लोग लगे हुए हैं और तवा नहर से निकाली गई हजारों डंपर मिट्टी अब भी सप्लाई की जा चुकी है और मिट्टी ले जाने का काम बेखौफ जारी है। जो दो युवा ठेकेदार इस काम को कर रहे हैं, वे मीडिया को मैनेज करने का भी प्रयास कर रहे थे। सूत्र तो यहां तक बताते हंै कि उन्होंने कुछ अधिकारियों को मैनेज कर लिया है, यही कारण है कि वे मिट्टी चोरी का काम बेखौफ कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि करीब दो वर्ष पूर्व 90 करोड़ की लागत से तवा बांध की लेफ्ट केनाल की लाइनिंग करायी थी और उसमें से निकली मिट्टी नहर के किनारे ही डंप की गई थी। वर्तमान में रेलवे द्वारा फ्लाईओवर निर्माण का काम चल रहा है और उसमें मिट्टी की जरूरत है। आसपास के ग्रामीण अंचलों के युवा नहर से मिट्टी का खनन करके रेलवे को सप्लाई कर रहे हैं।

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दिन दहाड़े चल रहा काम
नहर के दुश्मन मिट्टी खननकर्ता इसने बेखौफ हैं कि वे दिन दहाड़े मिट्टी का अवैध उत्खनन कर रहे हैं जबकि नहर से लगातार लोगों का आवागमन हो रहा है। मिट्टी के अलावा कुछ स्थानों पर इन लोगों ने पेड़ भी काट दिये हैं। इन लोगों का कहना है कि उन्होंने इसके लिए अनुमति ली है। वे अनुमति के लिए वीआरएस कंपनी का नाम बताते हैं जिस कंपनी ने नहर की लाइनिंग की है। जबकि वास्तविकता तो यह है कि मिट्टी पर वीआरएस कंपनी का कोई अधिकार ही नहीं है। वीआरएस कंपनी के पास केवल नहरों की लाइनिंग का कार्य था जो कंपनी ने कर दिया है और मिट्टी खोदकर साइड लगा दी है। इस मिट्टी पर कंपनी का अधिकार नहीं है, यह तो सिंचाई विभाग की मिट्टी है।

खननकर्ता ने कहा, मिलो आप
जब मिट्टी का उत्खनन करा रहे जमानी के एक पुराने खनिज माफिया से मोबाइल पर बात की तो उन्होंने माना कि वह ही यह मिट्टी का खनन करा रहा है। जब उससे पूछा कि अनुमति है तो उसने कहा कि हां, हमने वीआरएस कंपनी से अनुमति ली है। सवाल था कि वीआरएस कंपनी कैसे अनुमति दे सकती है, यह मिट्टी उसकी तो है नहीं। तत्काल जवाब आया कि मिलो इटारसी में आपको बताता हूं, क्या है, क्या नहीं। बता दें कि यह खनन माफिया उस वक्त चर्चा में आया था जब यहां पदस्थ एसडीएम राजकुमार खत्री ने इसे जमानी की नदी से अवैध उत्खनन में पकड़ा था और प्रकरण बनाकर इस पर 8 करोड़ रुपए का जुर्माना कराया था। यह खनन माफिया अब मिट्टी का उत्खनन कर रहा है।

कई महीनों से चल रहा है कार्य
नहर किनारे से मिट्टी के अवैध उत्खनन पिछले कई महीनों से चल रहा है। इसमें एक डोलरिया का आशीष राजपूत उत्खनन करा रहा तो जमानी का आकाश पटेल। दोनों ही इतने निश्चिंत हैं कि सीधा प्रलोभन देते हैं। हमने उनसे मिट्टी खनन की अनुमति की बात कही तो बोले इटारसी में मिलो। राजपूत ने तो कहा कि, है तो यह अवैध उत्खनन लेकिन आपको पांच हजार रुपए दूंगा, खबर मत छापना। उससे कहा कि कैमरे में बताओ कि मिट्टी कहां ले जा रहा तो उसने कहा कि रेलवे के काम में जा रही है, कैमरे में नहीं कहूंगा। फिर वह बाइक लेकर भागा तो नहीं लौटा। पटेल ने इटारसी में मिलने को कहा, बताता हूं, क्या है और क्या नहीं। कुल, जमा नहर से मिट्टी का अवैध उत्खनन हो रहा है, वह भी बेखौफ।

इनका कहना है…!
यह सही है कि वहां उत्खनन हो रहा है। लेकिन हमारे यहां से किसी को कोई अनुमति नहीं दी गई है। यदि वे वीआरएस कंपनी की बात कर रहे हैं तो हम स्पष्ट कर दें कि मिट्टी पर वीआरएस कंपनी का कोई अधिकार नहीं है, यह हमारी नहर से निकली मिट्टी है। सूचना मिली थी कि अवैध उत्खनन हो रहा है, हमने एसडीओ को भेजा था तो वे भाग गये थे।
आईडी कुमरे, ईई सिंचाई विभाग

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