वार्ता संतोषजनक नहीं : ट्रांसपोर्टर गये बेमियादी हड़ताल पर, बढ़ेंगी मुसीबतें

इटारसी। मंदी की मार झेल रहे बाजार को एक और बड़ा झटका लगा है। शनिवार से प्रदेशभर के ट्रांसपोर्टर हड़ताल पर चले गये हैं। यह न सिर्फ व्यापार जगत के लिए बल्कि आमजन के लिए भी त्योहारी सीजन में किसी बड़े झटके से कम नहीं है। शहर के करीब चार सौ और जिलेभर के पंद्रह सौ से अधिक ट्रकों के पहिए इस हड़ताल से बेमुद्दत के लिए थम गये हैं। मप्र ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने 1 अक्टूबर को प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलकर अपनी मांगों पर चर्चा की थी। लेकिन, माकूल जवाब नहीं मिलने से शनिवार से ट्रांसपोर्टर बेमियादी हड़ताल पर चले गये हैं।

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जिलेभर के करीब पंद्रह सौ ट्रकों के पहिए आज से अनिश्चितकाल के लिए थम गये हैं। ऐसे में माल की आवाजाही को लेकर मुश्किलें बढऩे वाली हैं। ट्रक ऑनर एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय मिश्रा की मानें तो इस हड़ताल से जिलेभर में करीब आठ से दस करोड़ का नुकसान होगा। आज टैंकर संचालकों ने हड़ताल में साथ नहीं दिया तो ट्रक एसोसिएशन के सदस्य इंडियन ऑयल डिपो के गेट पर पहुंचे और टैंकर चालकों को रोके रखा था। दरअसल, ट्रांसपोर्टर्स की मांग है कि परिवहन विभाग द्वारा पुरानी एवं नई गाडिय़ों पर की गई आजीवन शुल्क वृद्धि वापस ली जाए। साथ ही प्रदेश सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर जो पांच प्रतिशत वैट लगाया है, उसे वापस लिया जाए। प्रदेश सरकार से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर ट्रांसपोर्टर्स ने 5 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया था।

ये हैं परेशानियां
वैसे ट्रांसपोर्टर की मानें तो वे संघर्ष का रास्ता नहीं अपनाना चाहते हैं। लेकिन, सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, इसलिए यह कदम उठाना पड़ा। ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय नुकसान में जा रहा है। बिजनेस नहीं होने से कई ट्रांसपोर्टर बैंकों का कर्ज नहीं पटा पा रहे हैं, सड़कों की हालत खराब होने से स्पेयर पाट्र्स, टायर आदि खराब हो रहे हैं। उस पर अब सरकार ने वैट लगाकर डीजल और पेट्रोल महंगा कर दिया है। इसी तरह एक नयी मार पुराने वालों का लाइफ टाइम टैक्स में वृद्धि करके कर दी है। जिन वाहनों की लाइफ ही कम बची है, उन पर आजीवन शुल्क वृद्धि का आदेश समझ से परे है।

ये होगा नुकसान
अगर सरकार इस अनिश्चितकालीन हड़ताल के बावजूद कोई फैसला लेने में देरी करती है और हड़ताल लंबी खिंचती है तो निश्चित तौर पर आमजन को दैनिक उपभोग की वस्तुएं नहीं मिलेंगी। हो सकता है कि अनाज, सब्जियां न मिलें या फिर इनके दामों में भी वृद्धि हो जाए। आमजन को पेट्रोल-डीजल के संकट का सामना भी करना पड़ सकता है। सामने दीपावली जैसे बड़ा त्योहार है, ऐसे में यदि ट्रकों के पहिए थमे रहे तो जाहिर है, आपूर्ति रुक जाएगी और फिर महंगाई बढ़ेगी तो इसका सीधा असर आमजन की जेब पर ही पडऩे वाला है।

मालगोदाम में नारेबाजी की
सरकार द्वारा मॉडल कंडीशन एवं लाइफ टाइम टैक्स के विरोध में ट्रक ऑनर एसोसिएशन ने शनिवार को अपने ट्रक मालगोदाम के अलावा जहां जैसे थे, खड़े कर दिये हैं। सरकार के खिलाफ ट्रांसपोर्टर्स ने न सिर्फ विरोध प्रदर्शन किया बल्कि मालगोदाम में अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी भी की। इसके अलावा एसोसिएशन के सदस्यों ने देहरी स्थित इंडियन ऑयल के डिपो के गेट पर पहुंचकर टैंकर चालकों को भी रोके रखा और गेट पर अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी की।
ट्रक ऑनर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि इन विषयों पर हस्तक्षेप करके आजीवन टैक्स के निर्णय में संशोधन करें। यदि इसे लागू करना ही है तो जो ट्रक 2011 या ऊपर के हैं, उन पर ही लागू करने की कृपा करें। 2011 के नीचे के मॉडल के ट्रकों पर टैक्स के नियम यथावत रहें। इस दौरान ट्रक ऑनर एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय टप्पू मिश्रा के साथ ही रिंकू भाटिया, अंटू भाटिया, सर्वजीत भाटिया, प्रकाश मालोनिया, बाबू भाई, समीर, सम्मी, मंटू ओसवाल, गुरभेज सिंह सहित अनेक ट्रांसपोर्टर शामिल हुए।

इनका कहना है…!
वैसे ही ट्रांसपोर्ट व्यवसाय नुकसान में जा रहा है। कई ट्रांसपोर्टर बैंकों का कर्ज नहीं पटा पा रहे हैं। सड़कों की हालत खराब होने से स्पेयर पाट्र्स, टायर आदि खराब हो रहे हैं। सरकार ने वैट लगाकर डीजल और पेट्रोल महंगा कर दिया है और पुराने वाहनों के लाइफ टाइम टैक्स में वृद्धि कर दी है।
अजय शुक्ला टप्पू, अध्यक्ष ट्रक ऑनर एसोसिएशन

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