विधानसभा अध्यक्ष के आश्वासन के बाद निजी स्कूल की हड़ताल स्थगित

नियमित लगेंगे प्रायवेट स्कूल
इटारसी। प्रायवेट स्कूल एसोसिएशन द्वारा अपनी मांगों को लेकर 5 सितंबर से जारी अनिश्चित कालीन हड़ताल विधानसभा अध्यक्ष डा. सीतासरन शर्मा के आश्वासन के बाद स्थगित कर दी गई। शुक्रवार 7 सितंबर से सभी स्कूल नियमित लगेंगे। गुरूवार को विश्रामगृह में प्रायवेट स्कूल एसोसिएशन द्वारा आयोजित प्रेसवार्ता में विधानसभा अध्यक्ष डा. सीतासरन शर्मा ने स्कूल संचालकों की मांगों पर बिंदुवार जानकारी दी और उसके निराकरण की प्रक्रिया भी बताई।
विधानसभा अध्यक्ष डा.सीतासरन शर्मा ने कहा कि मैं स्कूल संचालकों के आंदोलन की शुरुआत से संपर्क में हूं और प्रशासन, सरकार और स्कूल संचालकों से लगातार चर्चा कर समस्याओं का निदान करने के प्रयास में लगा रहा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 1760 स्कूलों की मान्यता रद्द की गई है, उस पर पुनर्विचार और मान्यता देने की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। समस्या का शीघ्र निदान होगा। हमारा सौभाग्य है कि होशंगाबाद जिले के किसी भी स्कूल की मान्यता रद्द नहीं हुई। आरटीई के संबंध में उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रशासन से चर्चा हो चुकी है, भुगतान करने की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है, एक माह में सभी स्कूलों का पैसा पहुंच जाएगा। फीस अधिनियम के मामले में उन्होंने कहा कि यहां विस्तृत चर्चा की जरूरत है, यह वास्तव में सब धान एक पसेरी का मामला है, इसे वर्गीकृत होना चाहिए था।
दरअसल यह समस्या कार्पोरेट स्कूलों की वजह से खड़ी हुई, इसके लिए फोरम बनाने पर भी विचार होगा। एक एकड़ भूमि की अनिवार्यता के विषय में अभी आपात की स्थिति नहीं है। दरअसल यह कांग्रेस शासन काल में तीन एकड़ भूमि की अनिवार्यता प्रस्ताव था, जिसे हमारी सरकार ने समाप्त कर दिया था, लेकिन फिर किसी अधिकारी ने इसे उठा दिया। इसे समय रहते ठीक किया जाएगा। किंतु मैं आपको भरोसा दिलाता हूं पुरानी शालाओं को इससे समस्या नहीं आएगी। शाला सुरक्षा कानून और बस की अनिवार्यता के संदर्भ में डा. शर्मा ने कहा कि यह मेरे लिए नया विषय है, इसके बारे में शासन से बात करूंगा। शिक्षक सम्माननीय है और इसमें मेरी सहमति है कि शाला सुरक्षा कानून शिक्षकों के लिए भी बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रायवेट स्कूल समाज को नई दिशा देने और बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के कार्य में लगे हुए हैं। बच्चों के हित में मै आपसे अनुरोध करता हूं कि हड़ताल समाप्त करें। उन्होंने स्कूल संचालकों की हर स्तर पर मदद करने का आश्वासन दिया और कहा कि वह आज ही मुख्यमंत्री से आमने-सामने बात करेंगे।
एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष शिव भारद्वाज ने कहा कि मूलत: स्कूल संचालकों ने जो मांगे रखी है उसका सीधे-सीधे पालकों और विद्यार्थियों से भी नाता है। बीच सत्र में स्कूल की मान्यता समाप्त करने के आदेश का सीधा-सीधा प्रभाव स्कूल में पढऩे वाले विद्यार्थियों और पालको पर पड़ता है। इसी तरह मान्यता के लिए एकड़ भूमि का नियम भी अव्यवहारिक है। फीस वृद्धि का नया अधिनियम भी छोटे और मंझोले स्कूलों के लिए उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि स्कूल संचालकों ने इतिहास में पहली बार शिक्षक दिवस का बहिष्कार कर काली पट्टी लगाकर विरोध करने का कठोर निर्णय लिया। नगर अध्यक्ष प्रशांत जैन ने कहा कि एमपी बोर्ड की मान्यता नियम सीबीएसई जैसे होना चाहिए। सीबीएसई में पहले दो साल के लिए और फिर स्थाई रूप से मान्यता दी जाती है। सोपास के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष आशीष चटर्जी ने बताया कि पहली बार प्रदेश के 45 जिलों में लगभग 50 हजार स्कूल बंद में शामिल हुए। इससे स्पष्ट है कि वह शासन के नियमों से कितना परेशान हैं।

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विधानसभा अध्यक्ष डा.सीतासरन शर्मा द्वारा मांगों पर बिंदुवार दी गई जानकारी के बाद दोनो संगठनों के पदाधिकारियों ने हड़ताल स्थगित करने की घोषणा की और 7 सितंबर से नियमित स्कूल खोले जाएंगे। स्कूल संचालकों की मांगो पर प्रशासन और सरकार स्तर पर विधानसभा अध्यक्ष डा. सीतासरन शर्मा के सार्थक प्रयासों के लिए प्रायवेट स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने उनका आभार व्यक्त करते हुए आभार पत्र सौंपा। सोपास के प्रदेश संगठन मंत्री रवि राजपूत ने आभार पत्र का वाचन किया। इस अवसर पर जम्मूसिंह उप्पल, संदीप तिवारी, आलोक गिरोटिया, अजय चौकसे, विजय मनमानी, आरके गौर, जाफर सिद्दीकी, मंजू ठाकुर, नटवर पटैल, नीलेश जैन, धर्मेन्द्र रणसूरमा, आलोक राजपूत, रूबीन खान सहित स्कूल संचालक उपस्थित थे।

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कल शिक्षक दिवस का किया था बहिष्कार
प्राइवेट स्कूल एसोसिशन ने पांच सूत्री मांगों के लिए 28 अगस्त से आरंभ आंदोलन के तीसरे चरण में 5 सितंबर को शहर के सभी निजी स्कूल बंद रहे और शिक्षक दिवस समारोह का बहिष्कार किया था। आज 6 सितंबर को भी स्कूल बंद रहेे। बुधवार को सुबह सभी स्कूल संचालक और शिक्षक पत्रकार भवन में एकत्र हुए यहां सर्वपल्ली डा राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की। कार्यक्रम के उपरांत रैली निकाली, जो नगर के मुख्य मार्गों से होती हुई पुन: पत्रकार भवन में समाप्त हुई। स्कूल संचालकों ने मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। शहर के इतिहास में पहली बार निजी स्कूलों के शिक्षक दिवस का बहिष्कार कर काली पट्टी बांधकर रैली निकाली।

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