वेतन नहीं मिलने से भड़के रनिंग रूम के कर्मचारी

लंच तैयार करके कर दी कामबंद हड़ताल
इटारसी। गुरूवार को दोपहर रेलवे स्टेशन स्थित गार्ड रनिंग रूम में काम करने वाले करीब 35 ठेका कर्मचारियों ने किचन छोड़कर हड़ताल शुरू कर दी। कर्मचारियों का आरोप है कि ठेकेदार ने तीन माह से पगार नहीं दी है, वे मुफ्त में काम कर रहे हैं, पैसे न मिलने से परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है। करीब 125 मेल-एक्सप्रेस एवं गुड्स गार्ड यहां रेस्ट के लिए आते हैं। जबलपुर का ठेकेदार प्रदीप मिश्रा स्टॉफ के चाय-नाश्ते और खाने का ठेका चला रहा है। एलआई ने रात 8 बजे तक खाते में वेतन आने का आश्वासन दिया। इसके बाद शाम करीब सात बजे के बाद से कर्मचारी काम पर लौटे हैं।
तीन माह से तनख्वाह नहीं मिलने के बाद गुरुवार को दोपहर में रेलवे स्टेशन के गार्ड रनिंग रूम के तीन दर्जन कर्मचारियों का धैय जवाब दे गया। रनिंग रूम में निजी कंपनी के माध्यम से काम होता है। गुरुवार को सभी कर्मचारियों ने दोपहर तक काम किया और यहां आने वाले गाड्र्स के लिए भोजन तैयार किया और फिर काम बंद हड़ताल करके बाहर निकल आये।

पहले भी कर चुके हैं हड़ताल
बता दें कि इससे पहले जब अप्रैल में इन कर्मचारियों ने हड़ताल की थी तो ठेकेदार ने पुराना रुका वेतन कर दिया था और फिर उसके बाद से फिर वेतन नहीं दिया है। जून का महीना आधा से अधिक निकल जाने के बाद कर्मचारियों का धैर्य आज जवाब दे गया और उन्होंने हड़ताल कर दी। रनिंग रूम में कार्यरत कर्मचारी लक्ष्मीबाई का कहना है कि दस प्रतिशत ब्याज पर पैसा लेकर किसी तरह से घर चला रहे हैं। ठेकेदार तारीख पर तारीख दे रहा है, इसलिए हमने काम बंद कर दिया है। रेखाबाई ने कहा कि तीन से माह से तनख्वाह नहीं मिली। बच्चों का पालन पोषण मुश्किल हो रहा है। पार्वती बाई ने कहा कि स्कूल खुलने का समय आ गया है। वेतन नहीं मिलेगा तो कैसे काम चलेगा। हमको बैंक खाते में तनख्वाह हर महीने मिलना चाहिए।

अधिकारी पहुंचे मौके पर
सुपरवाइजर याज्ञवेन्द्र मालवीय, अशोक श्रीवास का कहना है कि अप्रैल में हड़ताल की थी तो पुराना वेतन दे दिया था। इसके बाद जून खत्म हो रहा है फिर वेतन रोक नहीं मिला है। नाराज कर्मचारियों ने गुरुवार को दोपहर का लंच बनाकर काम बंद कर दिया। हड़ताल की सूचना प्राप्त होने पर एलआई आरके यादव, स्टेशन अधीक्षक सुनील कुमार जैन ने रनिंग रूम पहुंचकर हड़ताली कर्मचारियों की बात सुनी। ठेके पर काम कर रहे कर्मचारियों का कहना है उन्हें नकद वेतन मिलता है, बैंक से भुगतान होना चाहिए। इसके अलावा पीएफ और बीमा राशि की कटौती नहीं हो रही है। इस दौरान स्टेशन प्रबंधक ने मौके पर मौजूद गाड्र्स के लिए रेलवे स्टेशन से चाय का इंतजाम कराया लेकिन गार्ड नाराज थे और उन्होंने चाय पीने से इनकार कर दिया।

बाहर से लाकर दिया खाना
दोपहर की शिफ्ट के बाद आ रहे एवं ड्यूटी जा रहे कई गार्डो ने किचन में जाकर खुद अपना खाना पार्सल किया, शाम तक कई गार्डो को बाहर होटल से खाना लाकर दिया गया। रनिंग रूम में आए जबलपुर के गार्ड वीके गौर ने कहा कि हमने अपने साथियों के साथ उच्च स्तर पर शिकायत की है। सदर्न लेकर जाना है, अब तक खाना नसीब नहीं हुआ। कर्मचारियों की हड़ताल से रनिंग रूम की व्यवस्था बिगड़ गई। कर्मचारी किसी भी सूरत में मानने को तैयार नहीं थे तब मामला डीआरएम तक पहुंच गया। इधर स्टेशन अधीक्षक एसके जैन का कहना है कि वेतन न मिलने पर कर्मचारियों ने काम बंद किया था। ठेकेदार और वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा हो गई है। फिलहाल स्टाफ के लिए बाहर से खाना पार्सल कराने का इंतजाम किया है।

लंच तैयार किया और बाहर आ गये
रनिंग रूम में करीब सवा सौ मेल-एक्सप्रेस एवं गुड्स गार्ड यहां रेस्ट करने के लिए आते हैं। यहां खानपान बनाने का काम जबलपुर के ठेकेदार प्रदीप मिश्रा के पास है जो स्टॉफ के चाय-नाश्ते और खाने का इंतजाम करता है। ठेकेदार प्रदीप मिश्रा की लापरवाही से पहले भी कई बार हड़ताल हो चुकी है। क्रू मॉडल रनिंग रूम में जब उसका ठेका था तो कई बार हड़ताल हुई। गार्ड रनिंग रूम में भी दर्जनों बार ऐसा हो चुका है। लेकिन, न जाने क्यों अधिकारियों की उस पर मेहरबानी बनी रहती है। उसका कहना है कि मेरे बिल रेलवे क्लियर करेगी तभी वेतन दूंगा। इस दौरान रनिंग रूम में कार्यरत कर्मचारियों ने बताया कि कुछ कर्मचारियों को पैसा टुकड़ों में दिया गया है, इससे पता ही नहीं चल रहा है कि हमें कितना पैसा लेना है।

इनका कहना है…!
वेतन न मिलने की शिकायत पर कर्मचारियों ने काम बंद किया था। ठेकेदार और वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा हो गई है। फिलहाल स्टाफ के लिए बाहर से खाना पार्सल कराने का इंतजाम कराया है। कर्मचारियों की समस्या को जल्द सुलझाया जाएगा।
एसके जैन, स्टेशन प्रबंधक

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