इटारसी।शासन द्वारा नियंत्रित देवस्थानों के लिए गठित शासकीय देवस्थान प्रबंध समिति की बैठक में भाजपा के जनप्रतिनिधियों ने इसे शासन की मंदिरों पर कब्जा करने की मंशा बताते हुए बैठक में कई नियमों पर आपत्ति जतायी है। होशंगाबाद विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा, सोहागपुर विधायक विजयपाल, जिला पंचायत अध्यक्ष कुशल पटेल, होशंगाबाद नगर पालिका अध्यक्ष अखिलेश खंडेलवाल और सिवनी मालवा विधायक प्रतिनिधि विवेक साध ने समिति के नियमों पर सख्ती से विरोध दर्ज कराया।
विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा ने कहा है कि इसके माध्यम से शासन की हिन्दू मंदिरों पर कब्जा करने की मंशा दिखाई देती है। इन नियमों के तहत अब हिन्दू मंदिरों को प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा चलाया जाएगा। जिला स्तरीय समिति के अध्यक्ष कलेक्टर रहेंगे और सांसद इसके सदस्य रहेंगे। इसी तरह से तहसील स्तरीय समिति में एसडीएम अध्यक्ष और विधायक सदस्य रहेंगे। उन्होंने कहा कि मंदिर की आय का दस फीसदी हिस्सा शासन के खाते में जाना है, इससे लगता है कि अब मंदिर की आय से शासन चलाने की कोशिश की जाएंगी। यह सरकार की हिन्दू मंदिरों को कब्जे में लेने की शुरुआत है। इसमें सरकार की मंशा ठीक नहीं लगती है। होना यह चाहिए कि शासन देवस्थानों के आसपास रहने वालों की समिति बनाए, न कि अधिकारियों की।
विधायक डॉ. शर्मा ने बताया कि उनके साथ ही सोहागपुर विधायक विजयपाल सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष कुशल पटेल, होशंगाबाद नगर पालिका अध्यक्ष अखिलेश खंडेलवाल और सिवनी मालवा विधायक प्रेमशंकर वर्मा के प्रतिनिधि के तौर पर बैठक में शामिल हुए विवेक साध ने इन नियमों पर सख्त एतराज जताते हुए अपनी आपत्ति दर्ज करायी है।