शिव भक्त की अकाल मौत नहीं होती : शास्त्री

Post by: Manju Thakur

इटारसी। श्री दुर्गा नवग्रह मंदिर लक्कडग़ंज में सावन मास में भगवान शिव के पार्थिव स्वरूप का निर्माण महिला भक्तों की उपस्थिति में प्रतिदिन हो रहा है। भगवान शिव के अभिषेक हेतु नर्मदाचंल के सिवनीमालवा, होशंगाबाद, बाबई, सोहागपुर और पिपरिया क्षेत्र से भक्त आ रहे हैं। भगवान शिव को पसंद बिलपत्र, धतूरे के फूल शिवलिंग पर भक्तों के द्वारा चढ़ाए जा रहे हैं। पूजन एवं रूद्राभिषेक का कार्य मुख्य आचार्य पं. सत्येन्द्र पांडेय एवं आचार्य पं. अतुल मिश्रा एवं पं. पीयूष पांडेय द्वारा संपन्न कराया जा रहा है। नर्मदांचल के प्रमुख भागवत प्रवचनकर्ता पं. मनमोहन शास्त्री ने भक्तों को प्रवचन देते हुए कहा कि शिव भक्त कभी अकाल मौत नहीं मर सकता। उन्होंने कहा कि भगवान शिव गृहस्थ होते हुए भी श्मशानवासी हैं, बीतरागी हैं , सौम्य, आशुतोष होते हुए भी भयंकर रूद्र हैं और शिव परिवार भी इससे अछूता नहीं है। शिव परिवार में भूत प्रेत, नंदी, सिंह, सर्प, मयूर, मूसक सभी का स्वभाव और संभाव एक जैसा ही है। भगवान शिव स्वय द्वंद्व से रहित सहअस्तित्व के महान विचार के परिचायक हैं।

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