शौर्य, साहस और बलिदान का संगम हैं राजपूत

मृत्युभोज बंद करने का आव्हान

हुआ राजपूत युवक-युवती परिचय सम्मेलन
इटारसी। राजपूतों का इतिहास गौरवशाली रहा है। राजपूत शौर्य, साहस और बलिदान का संगम है। वर्षों तक समाज की रक्षा राजपूतों ने ही की है। जब औरंगजेब और मुगलों का आतंक था और मंदिरों को भी तोड़ा जा रहा था तब मथुरा-वृंदावन के पंडित, पुजारियों ने राजपूत राजाओं से मदद मांगी थी। उक्त विचार बतौर मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा ने राजपूत युवक-युवती परिचय सम्मेलन में व्यक्त किए।
it9042017 (2)जय राजपूत सेवा समिति के तत्वावधान में राजपूत समाज का युवक-युवती परिचय सम्मेलन रविवार को हुआ। सरला मंगल भवन में आयोजित सम्मेलन में मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तरप्रदेश के साथ ही विदेशों में रह रहे युवक-युवतियों का प्रत्यक्ष और एलईडी के माध्यम से परिचय कराया गया। इस मौके पर मंडी अध्यक्ष विक्रम सिंह तोमर, जनपद अध्यक्ष संगीता सोलंकी, सहकारी बैंक अध्यक्ष भरत सिंह राजपूत, अब्दुल्लागंज नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष तूफान सिंह, नरेंद्र सिंह सोलंकी, लखन सिंह बैस मौजूद थे। कार्यक्रम संयोजक संजय सिंह राजपूत, मनीष ठाकुर, नीतेश ठाकुर, मनोज सिंह सिकरवार भी मौजूद थे।
मृत्युभोज बंद करने का आव्हान
कृषि उपज मंडी अध्यक्ष विकम सिंह तोमर ने कहा कि हमें कई सारी बातों पर विचार करना होगा। हम गोद भराई की रस्म करते हैं इससे एक गरीब बच्ची का विवाह कराया जा सकता है। मृत्युभोज जो हमारे मार्गदर्शक रहे हैं ब्राह्मणों ने भी बंद कर दी तो हमें भी इसे बंद करना चाहिए।
स्मारिका का विमोचन
इस मौके पर अतिथियों ने कार्यक्रम परिणय चयनिका स्मारिका का विमोचन किया। स्मारिका में देश के विभिन्न प्रदेशों से लगभग 250 युवक-युवतियों का परिचय के साथ राजपूतों समाज की संक्षिप्त जानकारी भी प्रकाशित की गई है।

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