” श्राद्ध दिवस”

महेश शर्मा, भोपाल

महेश शर्मा, भोपालसिर्फ नाम नहीं है किसी को भोजन कराने का
यह है “स्मृति दिवस”
याद करना अपने प्रियजनों को।।

यह है “पाश्चाताप दिवस”
परिहार करना अपनी त्रुटियों का।।

यह है “सेवा दिवस”
यथा संभव अपने से कमजोरों की सेवा का।।

 यह है “संकल्प दिवस”
अच्छे कार्य करने के संकल्प लेने का।।

यह है “कर्तव्य दिवस”
अपने दायित्वों को मनोयोग से पूरे करने का।।

 यह है “विश्वास दिवस”
 विश्वास करने और विश्वास बनाये रखने का।।

यह है “आस्था दिवस”
अपने प्रभु से आस्थावान बने रहने का ।।

 यह है “स्नेह दिवस”
सभी प्राणियों को स्नेह सूत्र से बाँधने का।।

यह है “राष्ट्र दिवस”
अपने राष्ट्र के प्रति कृतज्ञ रहने का।।

यह है “अनुशासन दिवस”
जीवन में और अधिक अनुशासित रहने का।।

dr mahesh sharmaपूज्य पिता के चरणों में प्रणाम, मधुर स्मृति

महेश शर्मा, भोपाल

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