श्री राम की अपेक्षा श्री कृष्ण को समझना कठिन है

इटारसी। श्रीराम सरल है राम का नाम पढ़ने लिखने और बोलने में भी सरल है, परन्तु श्री कृष्ण का नाम लिखने पढ़ने और बोलने में भी कठिन है। कृष्ण नाम के तीनो अक्षर कठिन है। इसी प्रकार दोनों अवतार में भी बड़ा अंतर है। राम जहां दिन के 12 बजे अवतार लेते है तो कृष्ण रात के 12 बजे अवतार लेते है। उपरोक्त उद्गार जायसवाल परिवार द्वारा श्री द्वारकाधीश मंदिर में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के पंचम दिवस पर कथावाचक पं. रघुनंदन शर्मा ने व्यक्त किए।
उन्होने कहा कि राम राजप्रसाद में, तो कृष्ण कंस के वंदीग्रह में प्रकट होते हैं। राम के प्राकट्य पर जन्मोत्सव भी राज महल में मनाया जाता है और कृष्ण के साथ बड़ी विसंगति जुडी है। जन्म होता है मथुरा में, उत्सव मनाया जाता है गोकुल में, बड़े होते है वृन्दावन में और लीला करते है द्वारिका में और अंत में जिस परिवार में कृष्ण का जन्म होता है उसी परिवार का आपस में संहार करवा देते है। बुधवार को कथा में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं वर्तमान विधायक डॉ. सीता सरन शर्मा पहुंचे थे जिन्होने पं. श्री शर्मा का पूजन कर कथा का श्रवण किया। पंडित अनिल मिश्रा ने बताया कि आज की कथा में भगवान के समक्ष 56 प्रकार के पकवानो से भोग लगाकर गिरिराज गोवर्धन का पूजन किया गया। आयोजक परिवार ने श्रद्धालुओं से अधिक से अधिक संख्या में कथा में पधारने का निवेदन किया है।

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