श्री विष्णु महायज्ञ : कलश यात्रा के साथ हुआ शुभारंभ

इटारसी। रेलवे स्टेशन के सामने जीआरपी आवासीय परिसर में स्थित श्री सिद्धेश्वर शिव मंदिर में 24 वॉ विष्णु महायज्ञ शुक्रवार से प्रारंभ हो गया।
श्री द्वारिकाधीश बड़ा मंदिर से कलश यात्रा प्रारंभ हुई जो शहर से प्रमुख मार्गों से होती हुई यज्ञ स्थल पर पहुंची। कलश यात्रा का व्यापारियों ने पुष्प वर्षा कर जगह-जगह स्वागत किया। घोड़े, बग्गी, दुलदुल घोड़ी के अलावा अखाड़ा प्रदर्शन भी देखते ही बनता था। शोभायात्रा में रेल पुलिस के थाना प्रभारी बीएस चौहान एवं अन्य पुलिस कर्मियों सहित यज्ञाचार्य शास्त्री पं. अशोक भार्गव एवं प्रवचनकर्ता शास्त्री मनमोहन भार्गव एवं हनुमान एवं शिव मंदिर के पुजारी तथा 24 वर्ष पहले यज्ञ प्रारंभ कराने वाले शहर के प्रतिष्ठत वैदिक ब्राम्हण पं. रामस्वरूप मिश्रा भी साथ चल रहे थे। इनके अलावा शहर के अन्य श्रद्धालु भी कलश यात्रा में शामिल थे। जिसमें दीपक, जितेन्द्र ओझा, नीलम प्रवीण गांधी, कैलाश यादव, बलवीर यादव, केके यादव, देवकृष्ण उज्जेनिया, काली मंदिर सोनासांवरी के रमेश बाबा विशेष रूप से कलश यात्रा में शामिल हुए।
दोपहर में 2 बजे यज्ञ मंडप में गणेश एवं पंचाग पूजन हुआ, ब्राम्हणों का वरण किया गया। शनिवार की प्रात: 8 बजे से अरणीमंथन के द्वारा अग्नि प्राकट्य होते ही हवन प्रारंभ हो जाएगा। पं. दीपक मिश्रा ने बताया कि यज्ञ मंडप में हवन प्रतिदिन प्रात: 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक एवं दोपहर 2 बजे से सांयकाल 5 बजे तक होगा। श्री विष्णु यज्ञ की पूर्णाहुति 14 मार्च गुरूवार को होगी एवं उसी दिन भंडारा होगा। दोपहर में शिव मंदिर परिसर में बने विशाल मंच से नर्मदांचल के जाने माने भागवत कथाकार शास्त्री मनमोहन भार्गव ने प्रथम दिन के प्रवचन दिए।
उन्होंने कहा कि भक्ति, ज्ञान और वैराग्य की त्रिवेणी का महामहोत्सव 24 वें वर्ष में प्रारंभ हुआ है जो निरंतर जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि बिना गुरू के ज्ञान की प्राप्ति नहीं होती है एवं यज्ञ में आहुतियां देने से पर्यावरण का सुधार होता है। उन्होंने कहा कि श्री विष्णु महायज्ञ के आयोजन में 7 दिनों तक वह पूरी कोशिश करेंगे कि भक्ति, ज्ञान और वैराग्य के संबंध में सभी को वस्तुस्थिति से अवगत करा सके। अंत में आरती के साथ प्रसाद वितरण संपन्न हुआ।

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