सख्ती से लागू होगा स्कूल वैन पर प्रतिबंध

स्कूल प्रारंभ होने के एक सप्ताह पूर्व से सक्रिय हो जाएगा आरटीओ अमला
इटारसी। नई गाइड लाइन के अनुसार अब बच्चों को वैन से स्कूल ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। नया शिक्षण सत्र के तहत स्कूल खुलने को अब महज एक सप्ताह ही शेष है। नगर में प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को लाने-ले जाने में उपयोग किए जाने वाले वाहनों को अब सरकार की नई गाइड लाइन का पालन करना होगा।
हाइकोर्ट के आदेश को आधार बनाकर सरकार ने वैन से स्कूली बच्चों के परिवहन पर प्रतिबंध लगाने के आदेशि दिए हैं। स्कूल प्रारंभ होते ही आरटीओ अमला, और ट्रैफिक पुलिस स्कूली वाहनों की जांच प्रारंभ कर देंगे। गाइड लाइन से बाहर जो वैन मिलीं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। नयी गाइड लाइन के अनुसार अब 13 सवारियों से कम क्षमता वाले वाहनों को स्कूल वाहन के रूप में रजिस्टर्ड नहीं कराया जा सकता है।

सिर्फ आटो और बस में जा सकेंगे
नई गाइड लाइन के अनुसार अब बच्चे सिर्फ आटो मैजिक और बसों से ही स्कूल जा सकेंगे। यदि वैन चलती हुई नजर आई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऑटो में भी बच्चों को उम्र के अनुसार बैठाना होगा। अब ऑटो में किसी भी हालत में पांच से अधिक बच्चों को नहीं बैठाया जा सकेगा। वैन के लिए दिए आदेश के मुताबिक स्कूली वैन दो तरह से नियम तोड़ती है। यह निजी श्रेणी में रजिस्टर्ड होती है और बच्चों को लाने-ले जाने का कामर्शियल उपयोग होता है। हालांकि शासन का यह आदेश भले ही बच्चों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है, लेकिन अब ऑटो में अधिकतम पांच बच्चे बैठाने के कारण ऑटो चालक भी किराया बढ़ा देंगे जिसका भार अभिभावकों पर पड़ेगा। आरटीओ मनोज तेनगुनिया के अनुसार परिवहन नियमों की जो गाइड लाइन तय की गई है, उसका पूर्णत: पालन कराया जाएगा। स्कूल खुलते ही अभियान चलाया जाएगा। आरटीओ गुरुवार को होशंगाबाद में इसी संबंध में एक बैठक भी रखने वाले हैं।

बसों के लिए भी गाइडलाइन
नयी गाइड लाइन के अनुसार किराए की बस है तो ऑन स्कूल ड्यूटी लिखना होगा। बस के आगे व पीछे बड़े एवं पढऩे योग्य अक्षरों में स्कूल बस लिखा होना चाहिए। यदि बस किराए की है तो विद्यालयीन सेवा या आन स्कूल ड्यूटी लिखा होना चाहिए। निर्धारित सीटों से अधिक बच्चे नहीं बैठाएं जा सकेंगे। फस्र्ट एड बॉक्स की व्यवस्था हो, खिड़की में आड़ी ग्रिल होना चाहिए, बस में अग्नि शमन यंत्र, स्कूल का नाम और टेलीफोन नंबर स्पष्ट अक्षरों में लिखा होना चाहिए। वाहन चालक को भारी वाहन चलाने का अनुभव होना चाहिए। मोटर वाहन नियम 17 के अनुसार प्रत्येक बस में बस चालक के अतिरिक्त एक अन्य योग्य व्यक्ति होना चाहिए तथा एक शिक्षक होना चाहिए।

ये है ऑटो की नई गाइडलाइन
चालक के अलावा 12 वर्ष से अधिक आयु के केवल तीन छात्र। 12 वर्ष से अधिक आयु के दो छात्र होने पर इससे कम आयु के छात्र समेत चार बच्चे। इसके अलावा चालक के अलावा 12 वर्ष से कम के पांच बच्चे सवार हो सकते हैं। आखिरी स्थिति में 12 वर्ष से अधिक आयु का एक और कम आयु के तीन छात्र सवार हो सकते हैं।

सुरक्षा पर सवाल
स्कूल खुलते ही साल भर बच्चों की सुरक्षा पर सवाल उठने लगते हैं। बच्चों का आवागमन घर से लेकर स्कूल तक सुरक्षित नहीं है, इस बात पर न ही ज्यादातर अभिभावक ध्यान देते है और न ही स्कूल प्रबंधक। जिले भर में सैकड़ों स्कूल मौजूद है जिनमें पढऩे के लिये बच्चे स्कूल बसों और अन्य वाहनों से जाते हैं। बहुत से स्कूलों में बसों की हालत बहुत खस्ताहाल है, आरटीओ के अनुसार स्कूल खुलते समय ऐसे वाहनों की बारीकी से जांच करना है। इन स्कूल बसों में कोई कमी न रह जाये ये विद्यार्थियों की सुरक्षा का मामला है।

इनका कहना है…!
हर साल स्कूल खुलते ही सभी स्कूलों में बच्चों को लेकर जाने वाली बसों सहित ऑटो अन्य वाहनों की जांच की जाती है। इस बार भी स्कूल खुलते जांच होगी। हम गुरुवार को एक बैठक भी इसी संबंध में ले रहे हैं।
मनोज तेहनगुरिया आरटीओ

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