सबका शुक्रिया अदा करते मो. बख्तियार नागपुर रवाना

इटारसी। कहावत है, जाको राखे साईंयां मार सके न कोय। या यूं भी कहें कि जिस पर ऊपर वाले की मेहर हो, उसका कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता। ऊपर भगवान और नीचे डाक्टर ही भगवान का प्रतिनिधि होता है। ये सारी कहावतें, रेल कर्मी मो. बख्तियार के मामले में सटीक रहीं। रीछ के हमले में इतनी बुरी तरह से घायल मो. बख्तियार लगभग नब्बे फीसदी ठीक हो गया। अब उसका उपचार भी रवि पांडेय की तरह नागपुर रेलवे अस्पताल में होगा। आज दोपहर में नागपुर डिवीजन के अधिकारी उसे अपने साथ ले गए हैं। रवि पांडेय का उपचार विगत 10 नवंबर से नागपुर में ही हो रहा है।
गौरतलब है कि इसी माह की 3 तारीख को कीरतपुर के जंगल में दो रेलकर्मियों पर रीछ ने हमला किया था। नर्मदा अस्पताल होशंगाबाद में उपचार के बाद हालात में सुधार होने पर घटना के सातवे दिन रवि पांडेय को नागपुर डिवीजन के अधिकारी नागपुर रेलवे अस्पताल में ले गए, वहीं आज तेरहवे दिन मो. बख्तियार को भी नागपुर रेलवे अस्पताल शिफ्ट कर दिया। नर्मदा अस्पताल से जुड़े मनोज सारन ने बताया कि अत्यंत गंभीर हालत में मो. बख्तियार को लाया गया था। आज उक्त कर्मचारी बात करते हुए, सबका शुक्रिया अदा करते हुए नागपुर गया है। नागपुर डिवीजन के अधिकारियों ने उसे यहां से डिस्चार्ज कराके नागपुर ले गए हैं। अस्पताल की एम्बुलेंस से कर्मचारी को इटारसी रेलवे स्टेशन तक छोड़ा है। अपने कर्मचारी के प्रति नागपुर रेल डिवीजन का रवैया इतना मानवीय रहा है कि सप्ताह में दो बार अधिकारी नर्मदा अस्पताल होशंगाबाद आकर कर्मचारी की कुशलक्षेम पूछते और उनके स्वास्थ्य पर बराबर निगरानी रख रहे थे। रेल अधिकारियों के साथ नागपुर रेलवे अस्पताल के चिकित्सक भी आते रहे थे। कर्मचारी के लिए एक बात बहुत अच्छी रही कि इतने गंभीर जख़्म के बावजूद तेरह दिन के उपचार में वह लगभग नब्बे फीसदी ठीक हो गया है। उसकी एक आंख पूरी तरह से खराब होने की आशंका व्यक्त की जा रही थी, लेकिन वह आंख भी बच गई। हालांकि उसमें कुछ धुंधला दिखाई दे रहा है।

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