सब्जी विक्रेता करेंगे कचरा नियंत्रण, रैली निकालेंगे

स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 की तैयारी 
इटारसी। स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 के अंतर्गत चल रही तैयारियों में शहर के फल एवं सब्जी विक्रेताओं ने भी सहयोग के लिए कदम बढ़ाए हैं। आज दोपहर गांधी वाचनालय में उन्होंने नगर पालिका को आश्वस्त किया है कि वे सब्जी मंडी से निकलने वाले कचरे का नियंत्रण करेंगे और इसे सड़क पर नहीं आने देंगे। उन्होंने नगर पालिका से कुछ डस्टबिन की मांग की है साथ ही दो सफाई कर्मियों की ड्यूटी लगाने और दुकानें बंद करने के समय कचरा वाहन खड़ा करने की मांग की है।
मुख्य नगर पालिका अधिकारी अक्षत बुंदेला ने सब्जी विक्रेताओं ने आश्वस्त किया है कि सफाई में सहयोग कीजिए, सफाई कर्मियों की ड्यूटी लगा देंगे और डस्टबिन भी रखवा देंगे। सब्जी और फल विक्रेताओं की अच्छी उपस्थिति को देख श्री बुंदेला ने कहा कि आपके उत्साह से लगता है कि हम इस मुहिम में सफल होंगे। उन्होंने कहा कि वे डस्टबिना का प्रयोग अवश्य करें ताकि आपके यहां से निकलने वाला कचरा हम खाद के लिए उपयोग कर सकें। उन्होंने कहा कि आप स्वच्छता एप्लीकेशन का प्रयोग अवश्य करें ताकि हमें फीड बैक भी मिलता रहे।
विधायक प्रतिनिधि कल्पेश अग्रवाल ने कहा कि आप सबके सहयोग और सहमति से ही हमने सब्जी मंडी का निर्माण शुरु किया है। जैसा आपने विकास कार्यों में सहयोग किया है, वैसा ही इस स्वच्छ सर्वेक्षण में करेंगे ऐसी उम्मीद है। सब्जी विक्रेताओं की समिति के अध्यक्ष सोनू बिन्द्रा ने विश्वास दिलाया कि सब्जी और फल विक्रेता देश के इस महत्वपूर्ण कार्य स्वच्छ सर्वेक्षण में पूरा सहयोग करेंगे। नपा उपाध्यक्ष अरुण चौधरी ने कहा कि स्वच्छता सभी पसंद करते हैं, लेकिन शहर की स्वच्छता में सहयोग का वक्त आया है, सबके सहयोग से हम शहर को स्वच्छता में नंबर वन बनाएंगे। सभापति राकेश जाधव ने कहा कि नगर पालिका अपने स्तर पर कार्य कर रही है, हमारा शहर स्वच्छ हो, यह हम सबकी जिम्मेदारी है। इस अवसर पर सब्जी के थोक विक्रेता सोनू बिन्द्रा, अनीस खान, कल्लू राय, गोलू भाटिया सहित अन्य सब्जी विक्रेताओं ने भी अपने विचार रखे।

आए थे, स्वच्छ सर्वेक्षण की बैठक में, दिखा दिए तीखे तेवर
गांधी वाचनालय में बैठक तो थी, स्वच्छ सर्वेक्षण की। परंतु सब्जी और फल विक्रेताओं ने स्वच्छता पर अपनी बात रखने के बाद अपने तेवर बदल लिए। दरअसल, पिछले कुछ दिनों से सब्जी मंडी में दुकान निर्माण की शिकायत पर उनको आपत्ति थी। उन्होंने सीएमओ अक्षत बुंदेला से कहा कि बीते पचास सालों से हम तकलीफ उठाते आ रहे हैं, कोई भी हमारी परेशानी को सुनने और हल करने नहीं आया। इस परिषद ने हमारी इस परेशानी को समझा और आज पक्की दुकानें बनाकर दीं। हमने इसके लिए काफी संघर्ष किया है। सब्जी विक्रेताओं की समिति के अध्यक्ष सोनू बिन्द्रा ने कहा कि कई प्रकार की शिकायतें की जा रही हैं। 40-50 वर्ष से जो व्यापार कर रहे हैं, उनको ही दुकानें मिली हैं। उनके पास पट्टे नहीं हैं तो क्या हम उनको बेरोजगार कर दें? सबने कलेक्टर गाइड लाइन से पैसे जमा किए हैं। हम प्रत्येक सप्ताह दस रुपए जमा करके वहां अन्य व्यवस्थाएं जुट रहे थे, इसकी भी शिकायत कर दी। गोलू भाटिया ने कहा कि एक शिकायत यह थी कि दुकानें 8 लाख में बेचकर नपा का नुकसान किया। यदि 30 लाख में बिकती तो क्या गरीब सब्जी विक्रेता खरीद पाते। सारी दुकानों पर पूंजीपतियों का ही आधिपत्य होता। आज सब्जी वालों के बच्चे, खुश होंगे कि उनके पिता ने उनके लिए एक दुकान तो खरीद ली।

व्यापार बंद कर देंगे सभी
बैठक में गोलू भाटिया की इस बात पर सभी सब्जी विक्रेताओं ने सहमति जतायी कि यदि शिकायत करने वालों की बात पर कोई ऐसा अप्रिय कदम उठा जो हमारे खिलाफ हुआ तो यहां के फल और सब्जी विक्रेता अपना कारोबार बंद कर देंगे और यहां के लोगों को होशंगाबाद जाकर सब्जी और फल खरीदना पड़ेगा। उनकी इस बात का सभी ने जोरदार तालियां बजाकर समर्थन किया।

पहले बाजार जलता, था अब लोग
सभापति राकेश जाधव ने कहा कि अब तक इटारसी में एक कहावत प्रचलित थी कि जब तक बाजार नहीं जलेगा, तब तक नहीं बनेगा। इस सोच को हमारी परिषद ने बदला है। पहले बाजार जलता था तो बनता था। आज बाजार बन रहा है तो लोग जल रहे और शिकायत कर रहे हैं। ऐसे लोगों के मंसूबे हम कामयाब नहीं होने देंगे और सब्जी-फल विक्रेताओं के साथ खड़े रहेंगे।

इनका कहना है…!
सब्जी विक्रेताओं की चिंता जायज है। लेकिन, जांच एक प्रशासनिक प्रक्रिया है। जांच एकतरफा नहीं होती है। जांच के दौरान व्यापारियों का अभिमत भी लिया जाएगा।
अक्षत बुंदेला, सीएमओ

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