इटारसी। समर्थन मूल्य पर चने की खरीदी प्रारंभ हो चुकी है। चना खरीदी के लिए कृषि उपज मंडी इटारसी में एक ही केन्द्र बनाया गया है। यहां खरीद प्रक्रिया में खामियों के कारण किसान परेशान हो रहे हैं, और सरकार के प्रति उनकी नाराजी बढ़ रही है।
समर्थन मूल्य पर हो रही चना खरीदी धीमी गति से चल रही है जिससे किसानों को खासी परेशानी झेलना पड़ रही है। गेहूं उपार्जन में धीमी गति से किसान परेशान रहे तो अब चना खरीदी प्रारंभ हो गयी है, इसका काम भी धीमा चलने से किसानों की नाराजी बढ़ती जा रही है। हालात यह है कि फरवरी माह में पंजीयन कराने वाले किसानों को अब तक मैसेज नहीं मिले हैं। ये किसान दो माह पूर्व अपनी चने की फसल काट चुके हैं और उसको बेचने का इंतजार लंबा होता जा रहा है।
मंडी परिसर में चना बेचने आए ग्राम घोघरी गजपुर के किसान ओमकार सिंह सिसोदिया ने बताया कि मैंने 18 फरवरी को चना की फसल का पंजीयन कराया था और उसी समय पर फसल भी कट चुकी थी। वे ढाई महीने से अपने 90 किलो चने को बेचने के लिए समिति के बुलावे का इंतजार कर रहे हैं। अब तक उनको मैसेज के माध्यम से बुलाया नहीं आया है। उन्होंने कहा कि आगामी सप्ताह में उनकी बेटी की शादी है, अनाज नहीं बिका तो वे किसी व्यापारी को औने-पौने दाम पर फसल बेच देंग या फिर शादी के लिए कर्ज लेना पड़ सकता है। चना उपार्जन में लेट लतीफी की स्थिति इसलिए बनी है, क्योंकि पूरे इटारसी तहसील में एकमात्र खरीदी केन्द्र इटारसी कृषि उपज मंडी में बनाया है। यहां सहकारी समिति इटारसी को चना खरीदी की जिम्मेदारी सांैपी गयी है जो पहले से अपात्र घोषित है। अत: इस कार्य को भी वह प्राथमिकता के साथ नहीं कर पा रही है। यहीं ताकू से आए किसान रामकिशोर यादव ने बताया कि हम अपना 110 क्विंटल चना लेकर आये हैं लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद भी अभी खरीदी नहीं की गई है।
इस संदर्भ में खरीदी केन्द्र की ओर से समिति सहायक कपिल पटेल ने बताया कि किसानों को समय इसलिए लग रहा है कि यह अपनी उपज साफ करके नहीं ला पा रहे हैं, अत: हमने यहां पर साफ करने की सुविधा भी दी है जिसमें समय तो लगेगा। किसानों को इस बात की भी परेशानी है कि सरकार ने तो प्रति किसान 25 क्विंटल से बढ़ाकर खरीदी 40 क्विंटल कर दी है, लेकिन समिति अब भी 25 क्विंटल ही खरीद कर रही है। हालांकि समिति प्रबंधक किशोर चौधरी का कहना है कि अब तक नया आदेश सिस्टम में नहीं आया है, इसलिए परेशानी हो रही है। बता दें कि इटारसी समिति के पास 822 किसानों ने चना विक्रय के लिए पंजीयन कराया है और लक्ष्य करीब 35 हजार क्विंटल का है जिसमें से अभी केवल 1625 क्विंटल ही खरीदी हो सकी है।