इटारसी। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी शासकीय अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने से यहां असामाजिक तत्व रोज अवैध घुसपैठ कर मरीजों के पलंग पर कब्जा कर आराम फरमाते हैं। कई बार तो यह मौका पाते ही मरीजों के सामान पर भी हाथ साफ कर देते हैं। अस्पताल में सुरक्षा के नाम पर न तो सुरक्षा गार्ड है, ना ही पुलिस चौकी। दोनों ही व्यवस्था बजट के अभाव में बंद हो गयी है। अब मरीज और उनके परिजन परेशान हैं।
सरकारी अस्पताल में कैसा इलाज मिलता है, इससे सभी परिचित हैं। यहां सिर्फ गरीबों का ही बमुश्किल इलाज हो पाता है लेकिन उनकी परेशानी तब और बढ़ जाती है जब रात में अवैध रूप से घुसपैठ कर खाली पलंगों पर कब्जा कर असामाजिक तत्व यहां रात गुजारते हैं और कभी-कभी मरीजों के सामान भी उड़ा लेते हैं। ऐसे तत्व यहां नशे में आते हैं और मरीजों से गाली गलौच तक करने लगते हैं। रात में वे कूलर-पंखों में आराम करने चुपके से यहां मौजूद मरीजों के सोते ही उनका कीमती सामान चुराकर भाग जाते हैं। यहां भरती मरीज मालवीयगंज निवासी बबलू का कहना है कि हम तो बहुत परेशान हैं। एक हफ्ते से फालतू लोग आते हैं और नशे में अभद्रता करते हैं।
वार्ड में अपना उपचार करा भूरुसिंह गोंसाई ने बताया कि दो दिन पहले उसका बैग चोरी हो गया। लोग कहते हैं शिकायत करो। अब मैं शिकायत करुं या इलाज? इन सारी समस्याओं को लेकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. एके शिवानी से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि बजट की कमी है। सुरक्षा एजेंसियों को भुगतान नहीं किया तो उसने सुरक्षा कर्मी हटा लिए। पुलिस ने भी अपनी चौकी बंद कर दी है।