सराफा व्यापारी से लूट के दो आरोपी गिरफ्तार
साढ़े सात लाख के जेवर, तीन लाख की बाईक बरामद
इटारसी। पुलिस ने लगभग 1 महीने और 26 दिन के बाद सराफा बाजार में महावीर ज्वेलर्स के मालिक महेंद्र जैन से ज्वेलरी की लूट करने वाले चार में से दो आरोपियों को पकडऩे में सफलता प्राप्त की है। लूट की घटना के दो आरोपी अभी फरार हैं। पुलिस को मिली सफलता के बाद सोमवार को पुलिस अधीक्षक एमएल छारी और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक घनश्याम मालवीय ने पुलिस की चुनौतीपूर्ण वारदात में मिली सफलता की जानकारी मीडिया को दी।
विगत 5 फरवरी की रात्रि 8: 30 बजे महावीर ज्वेलर्स के मालिक महेंद्र जैन के साथ हुई लूट के आरोपी ओडिशा और बालाघाट से पकड़े गए हैं। पुलिस ने लगभग 2 माह में यह सफलता अर्जित की है। चुनौतीपूर्ण मानी जा रही इस घटना में आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस अधीक्षक ने 10000 रुपए का इनाम घोषित किया था। इसके बाद डीआईजी ने इस इनामी राशि को बढ़ाकर 20 हजार रुपए कर दी थी। पुलिस ने आरोपियों से 250 ग्राम वजन के सोने के जेवर जिनमें टॉप्स, सोने की लटकन सोने के हार आदि शामिल हैं, तथा करीब तीन लाख रुपए कीमत की दो बाइक जब्त की हैं।
पुलिस ने की बड़ी मशक्कत
इटारसी पुलिस ने घटना के बाद से वारदात के खुलासे के लिए निरंतर प्रयास किए आरोपियों की तलाश तकनीकी और गैर तकनीकी माध्यमों से की। टीआई विक्रम रजक ने पुलिस टीम को अलग-अलग होशंगाबाद, बैतूल, रायसेन, खंडवा, भोपाल, बालाघाट, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा भी भेजा। लगातार मुखबिर तंत्र विकसित किए गए और समय-समय पर आला अधिकारियों को रिपोर्ट की गयी। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज घटना के 3 दिनों के अंदर ही एकत्र कर लिए थे, लेकिन आरोपियों के नाम और पते की जानकारी नहीं मिल पा रही थी। एकत्र फुटेज सोशल मीडिया में संचालित पुलिस के राष्ट्रीय ग्रुपों में प्रसारित किए गए थे। इसी कड़ी में आरोपियों के संबंध में थाना रामटेक नागपुर से सूक्ष्म किंतु अहम सूत्र प्राप्त हुए। इन सूत्रों के आधार पर ही पुलिस टीम ग्राम पूर्वाकोट थाना कोरई, जिला जाजपुर ओडिशा भेजा गया। इटारसी पुलिस ने ओडिशा पुलिस के सहयोग से आरोपियों के फोटो स्थानीय लोगों को दिखाकर जानकारी प्राप्त की।
मास्टरमाइंड पहले हाथ आया
स्थानीय लोगों को फुटेज दिखाने के बाद ज्ञात हुआ कि फुटेज में दिखने वाला आरोपी सीतारामदास उर्फ माइकल पिता छोटा नागादास उर्फ नागेश्वर दास उर्फ चिन्मय दास उम्र 32 साल, निवासी ग्राम पूर्वाकोट थाना कोरर्ई जिला जाजपुर है। इटारसी पुलिस ने उड़ीसा पुलिस के साथ तालमेल स्थापित करते हुए योजनाबद्ध तरीके से मुख्य आरोपी सीताराम दास को पकडऩे में सफलता प्राप्त की। सीता राम ने अपना जुर्म स्वीकार करते हुए बताया कि उसने अपने साथी ओम प्रकाश उर्फ ओमी निवासी बालाघाट, मुरली दास निवासी पूर्वाकोट ओडिशा, शेखर दास निवासी पूर्वा कोट ओडीशा के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया है। मुरलीदास और शेखर दास अभी फरार हैं।
महंगी बाइक इस्तेमाल की
आरोपियों ने लूट की वारदात में दो मोटरसाइकिल का इस्तेमाल किया था। यह लोग उड़ीसा से दुर्ग छत्तीसगढ़ तक ट्रेन में बाइक बुक कर के लाए थे और वहां से इटारसी पहुंचे थे। इस दौरान आरोपी लगभग 3 दिनों तक बाइक बजाज पल्सर 220 सीसी और यामाहा एफजेड 250 सीसी से सराफा बाजार में रैकी करते रहे। आरोपियों ने अपना ठिकाना बुधनी बना रखा था जहां से यह इटारसी आया जाया करते थे। घटना दिनांक को रात्रि 8:30 बजे महावीर ज्वेलर्स के मालिक महेंद्र जैन अपनी सराफा बाजार की दुकान बंद करके अपने मुनीम हेमंत सोनी एवं कर्मचारी मोनू परते के साथ जेवर से भरा झोला अपने हाथ में लेकर पैदल ही सराफा बाजार में ही स्थित अपने घर जा रहे थे तभी बाइक से पीछे से आए दो बदमाशों ने उनके हाथ से झोला छीन लिया और फरार हो गए। मुनीम हेमंत पिता मनमोहन सोनी की रिपोर्ट पर पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर जांच में लिया था।
23 दिन गुजारे उड़ीसा में
वारदात के इस चुनौतीपूर्ण मामले का खुलासा के लिए टीआई विक्रम रजक के नेतृत्व में बनाई गई टीम के 2 सदस्य एएसआई संजय रघुवंशी और आरक्षक हेमंत तिवारी आरोपियों की पतासाजी और गिरफ्तारी के लिए 23 दिन, तीन चरणों में ओडिशा में रहे। पहली बार 13 दिन, दूसरी बार 7 दिन और तीसरी और अंतिम बार 3 दिन उड़ीसा में बिताने के बाद इस टीम को यह सफलता हासिल हुई। इस दौरान 2 सदस्यीय टीम को अपने परंपरागत भोजन के स्थान पर स्थानीय भोजन से गुजारा करना पड़ा। बताया जाता है कि वहां रोटी नहीं मिली जबकि इडली डोसा खाकर टीम ने समय बिताया और ओडीशा पुलिस की मदद से दो आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद उड़ीसा से ही दोनों बाइक चलाकर इटारसी लेकर आए।
4 सदस्य अंतर्राज्यीय गिरोह
लूट की वारदात के चारों आरोपी अंतरराज्यीय गिरोह के सदस्य और बड़ी शातिर प्रवृत्ति के हैं। उनका सरगना सीतारामदास है। कोई भी घटना से पूर्व यह लोग सराफा बाजार की रेकी उस वक्त करते हैं जब बाजार बंद हो रहा होता है। आरोपी ऐसे सराफा व्यवसाई को चिन्हित करते हैं जो अपनी दुकान बंद करने के बाद लापरवाही पूर्वक जेवरों की थैली वगैरह रखकर चलते हैं। ऐसे सर्राफा व्यवसायियों से यह लोग बैग आदि छीनकर फरार हो जाते हैं। अब तक आरोपियों ने दिल्ली, झांसी, नागपुर, बरोनी, छपरा, बरैया बिहार आदि शहरों में लूट की वारदात को अंजाम दिया है। इटारसी पुलिस संबंधित राज्यों की पुलिस से भी जानकारी साझा कर रही है।
सातवीं तक पढ़ा है मास्टरमाइंड
अंतरराज्यीय गिरोह का सरगना सीताराम दास महज सातवी वीं कक्षा तक पढ़ा है। घटना के तीन आरोपी ओडिशा के रहने वाले हैं जबकि एक बालाघाट निवासी है। तीनों की मित्रता ओडीशा में हुई क्योंकि ओमी की बहन की शादी पूर्वाकोट ओडीशा में हुई है जो वहां आता जाता रहता है। ओमी बचपन में कुछ समय तक इटारसी में रहा था और यहां की भौगोलिक जानकारी से परिचित था। ओमी के कहने पर ही चारों ने इटारसी को वारदात के लिए चुना था।
शातिर बुद्धि हैं लुटेरे
आरोपी शातिर बुद्धि के हैं। दरअसल यह लोग कहीं वारदात से पूर्व उस क्षेत्र की जानकारी यूट्यूब के जरिए हासिल करते थे। यह लोग यू-ट्यूब पर सर्च करके यह जानते थे कि किस शहर में अपराध की दर कम है। जहां अपराध की दर कम है, वहां की पुलिस कितनी सतर्क है। इसका अंदाजा लगाने के बाद आरोपी उस शहर को अपना निशाना बनाते थे। इन लोगों का मानना है कि जहां क्राइम रेट ज्यादा है वहां पुलिस ज्यादा एक्टिव रहती होगी। अत: वहां अपराध करना जोखिम भरा हुआ जहां अपराध की दर कम होगी वहां की पुलिस निश्चिंत रहती है और यही कारण है कि इनके लिए घटना करना आसान हो जाता है। फिलहाल पुलिस ने मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, शेष दो आरोपियों की तलाश की जा रही है।
इनकी रही मुख्य भूमिका
आरोपियों की गिरफ्तारी और लूट की वारदात का खुलासा करने में एसडीओपी उमेश द्विवेदी के नेतृत्व में थाना प्रभारी विक्रम रजक, उप निरीक्षक बीएम दुबे, पीएसआई देवीलाल पाटीदार, एएसआई संजय रघुवंशी, प्रधान आरक्षक रघुनंदन, आरक्षक हेमंत तिवारी, भूपेश मिश्रा, भागवेन्द्र सिंह, अविनाशी, शुभम, अनिल यदुवंशी, सुधीर सिंह, रविंद्र उईके की मुख्य भूमिका रही।