सर्दी-खांसी, जुकाम को न लें हल्के में

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने की अपील

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने की अपील
इटारसी। जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा है कि नागरिक सर्दी-खांसी और जुकाम को हल्के में न लें। तुरंत चिकित्सक को दिखाएं। उन्होंने चिकित्सकों से भी अनुरोध किया है कि यदि ऐसी स्थित एक सप्ताह तक ठीक नहीं होती है तो मरीज की तत्काल स्वाइन फ्लू की जांच कराएं। वे यहां डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी शासकीय चिकित्सालय में निरीक्षण पर आए थे।
सीएमएचओ डॉ. दिलीप कटैलिहा ने बताया कि इटारसी के सरकारी अस्पताल में डाक्टर की अनुपस्थिति और स्टाफ की लापरवाही की शिकायतें प्राप्त हुईं थीं, वे यहां निरीक्षण पर आए, लेकिन यहां व्यवस्था संतोषजनक मिली है। यहां सोनोग्राफी में हो रही परेशानी पर उन्होंने कहा कि वर्तमान में यहां पदस्थ डॉ. डीजे ब्रह्मचारी जिला अस्पताल में सेवाएं दे रहे हैं। वहां रेडियोलॉजिस्ट की पदस्थापना हो चुकी है, वे जैसे ही ज्वाइन करेंगे, डॉ. ब्रह्मचारी को पूरी तरह से इटारसी भेज दिया जाएगा। एमडी मेडिसिन नहीं होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में कमी है। शासन ने काफी प्रयास किए हैं, जल्द ही इसके नतीजे मिलेंगे और यहां भी एमडी मेडिसिन की सेवाएं मिलने लगेंगी।

अन्य जगह से कम हैं
स्वाइन फ्लू के बढ़ते प्रकोप पर जिला स्वास्थ्य विभाग के प्रयास पर उन्होंने कहा कि यहां प्रदेश के अन्य जिलों से बेहतर स्थिति है। हमारे जागरुकता के प्रयास सफल हो रहे हैं। जहां भी जानकारी मिलती है, संबंधित ब्लाक और जिले की टीम पहुंचती है। मरीजों का परीक्षण करके सेंपल भोपाल भेजे जा रहे हैं। उन्होंने नागरिकों से आग्रह किया है कि वे अपने आसपास सफाई रखें, ताकि रोगों से बचा जा सके। उन्होंने बताया कि इटारसी अस्पताल में पांच बिस्तरों का स्वाइन फ्लू वार्ड तैयार है और पर्याप्त मात्रा में टेमीफ्लू दवा भी उपलब्ध करा दी गई है।

ओडीएफ से फायदा हुआ
सीएमएचओ डॉ. कटैलिहा ने कहा कि ओडीएफ जिला होने से कई रोगों में काफी राहत मिली है। उन्होंने कहा कि इस बार उल्टी-दस्त के मरीजों की संख्या काफी कम रही है। पहले हमारा एक पूरा अमला इसी की रोकथाम के लिए लगा रहता था। उन्होंने कहा कि यदि नागरिक सफाई रखेंगे तो कई प्रकार की बीमारियों से सहज ही बचाव हो जाएगा। यदि आपके आसपास गंदगी रहेगी तो बीमारियां जन्म लेंगी, खासकर उल्टी-दस्त जैसी बीमारियां गंदगी के कारण ही तेजी से फैलती हैं और कई बार इनसे मरीज की जान तक चली जाती है।

परामर्श केन्द्र लिखें क्लीनिक नहीं
जाते-जाते डॉ. कटैलिहा सरकारी डाक्टर्स को परामर्श भी दे गए कि वे अपने घर पर परामर्श केन्द्र लिखें, क्लीनिक नहीं। शासन ने सरकारी डाक्टर्स को परामर्श केन्द्र खोलने की छूट दे रखी है। चिकित्सक परामर्श केन्द्र और क्लीनिक में अंतर नहीं समझ पाते हैं। वे परामर्श केन्द्र खोल सकते हैं। डॉ. आभा जैन और डॉ. सुभाष जैन के मामले में उन्होंने कहा कि अधीक्षक डॉ. शिवानी की ओर से हमें लिखित शिकायत मिली थी, हमने कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि वे झोलाछाप डाक्टर्स के विषय में लिखित देंगे तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

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