सामाजिक सरोकार के दायित्व पर भी दिया जोर
इटारसी। सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान भोपाल के तत्वावधान में सरस्वती विद्यालयों की प्रबंध समिति का एक दिवसीय सम्मेलन सरस्वती शिशु मंदिर मालवीयगंज में संपन्न हुआ। सम्मेलन में हरदा और होशंगाबाद जिले में संचालित सरस्वती शिशु मंदिरों की सभी प्रबंध समितियों के पदाधिकारी उपस्थित थीं। सम्मेलन का शुभारंभ मां सरस्वती की पूजन एवं वंदना से हुआ। विद्याभारती मध्य प्रांत के संगठन मंत्री हितानन्द शर्मा ने कहा कि शिक्षा के साथ शिशु मंदिरों को सामाजिक सरोकार का अपना दायित्व का निर्वहन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिशु मंदिरों में शिक्षा का स्तर तो श्रेष्ठ है, इसके साथ ही सामाजिक दायित्व जैसे स्वच्छता, पर्यावरण, ऊर्जा संरक्षण, स्वदेशी और स्वास्थ्य के साथ समाज में उपेक्षित बस्तियों में भी शिक्षा का कार्य शुरू किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर विद्या भारती के सह संगठन मंत्री अनिल अग्रवाल, सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान के प्रांत प्रमुख राम भावसार, व्यवहार समन्वयक गुरु चरण गौर, लज्जाराम तोमर, शैक्षणिक अनुसंधान केंद्र के सहायक निर्देशक विजय माथुर उपस्थित थे। प्रांत प्रमुख श्रीराम भावसार ने शासकीय अधिवक्ता और विद्या भारती के आगरा के प्रमुख बिंदुओं पर प्रबंधन समितियों का ध्यान आकर्षित कराया। शैक्षणिक उन्नयन संस्कार पक्ष पर भी चर्चा की गई। विद्यालय प्रबंधन में प्रबंध समितियों की भूमिका विभाग संयोजक श्री गौर ने रखी। विद्यालय में नई तकनीक की जानकारी दी गई सम्मेलन विद्यालय सह व्रत कथन का वाचन किया गया। संख्यात्मक जानकारी, संसाधन विकास के साथ कार्यात्मक उपलब्धियां भी बताई गई। संगठन मंत्री अनिल अग्रवाल ने कहा कि विद्यालय प्रबंधन में समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। समिति को प्रबंधन के साथ शैक्षणिक उन्नयन करने का प्रयास करना चाहिए संसाधन के साथ संस्कार एवं सामाजिक सरोकार में हमें अपनी भूमिका का निर्वहन करना चाहिए।