औद्योगिक क्षेत्र खेड़ा स्थित इटारसी ऑयल मिल में लगी आग अब भी बारदानों के भीतर धधक रही है। मिल के कर्मचारी जेसीबी की मदद से बारदानों को निकालकर आग बुझा-बुझाकर अलग कर रहे हैं। आग से फौरी तौर पर ढाई करोड़ के नुकसान का अनुमान है। आग का कारण अज्ञात है, लेकिन माना जा रहा है कि ज्यादा हीटिंग की वजह से आग लगी होगी। फैक्ट्री सूत्रों का कहना है कि ईश्वर का शुक्र है, कि आग फ्लोर मिल से आगे नहीं बढ़ी। यदि साल्वेंट प्लांट तक पहुंच जाती तो यह किसी बम से कम नहीं होता, आग से आसपास का क्षेत्र जलकर राख हो जाता और खेड़ा क्षेत्र इससे प्रभावित होता। यह भी, कि फैक्ट्री प्रबंधन ने तत्काल एक्शन लिया और पुलिस, और दमकल को दी। टीआई विक्रम रजक अपनी बल के साथ मौके पर पहुंचे। सूचना पर एसडीएम आरएस बघेल, एसडीओपी अनिल शर्मा भी पहुंचे और होशंगाबाद, आर्डनेंस फैक्ट्री की दमकलों को बुलाया गया। फैक्ट्री प्रबंधन का कहना है कि आग पर काबू पाने में छह घंटे का वक्त लगा और करीब आधा सैंकड़ा फेरे दमकलों ने लगाए।
आग से ये जला
इटारसी ऑयल मिल के सीनियर मैनेजर ओपी गांधी ने बताया कि आगजनी में गोडाउन में रखा 350 टन डीओसी, 100 टन गेहूं, 2 लाख प्लास्टिक बैग, 60 हजार बोरे जूट के जलकर राख हो गए। इटारसी नगर पालिका, होशंगाबाद नगर पालिका, सीपीई, नेशनल फायर इंस्टीट्यूट की दमकलों ने आग पर काबू पाया। इसके लिए गोदाम की बिल्डिंग तोडऩा पड़ी। खेड़ा औद्योगिक क्षेत्र में स्थित इटारसी ऑयल एंड फ्लोर मिल में रात करीब 2 बजे आग लगी थी जो दोपहर तक पूरी तरह से नहीं बुझ पाई। पहले गोदाम में रखे बैग्स में आग लगने की सूचना है। आग तेजी फैली और फिर गोदाम से होते हुए मिल के मुख्य हिस्से में पहुंच गई जहां उत्पादन होता है। मिल में रखा गेहूं आग की चपेट में आया गया है। मिल में आटा और मैदा बनाया जाता है।