सिंचाई के लिए नहरों से मिलेगा पानी – प्रभारी मंत्री

कम सिंचाई वाली फसल लेने की अपील की

कम सिंचाई वाली फसल लेने की अपील की
होशंगाबाद। जिला स्तरीय जल उपयोगिता समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई। इसकी अध्यक्षता जिले के प्रभारी मंत्री श्री सूर्यप्रकाश मीणा राज्यमंत्री उद्यानिकी खाद्य प्रसंस्करण तथा वनविभाग ने की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इस वर्ष पर्याप्त वर्षा न होने के कारण बांधों में पर्याप्त पानी संचित नहीं है। उपलब्ध पानी तथा वर्षा की स्थिति को देखते हुए पेयजल एवं निस्तार के लिए पानी का भंडारण आवश्यक है। आगामी फसल के लिए किसानों को पलेवा तथा एक सिंचाई के लिए ही पानी मिलेगा। सभी किसान भाई कम सिंचाई में तैयार होने वाली गेहूं, चना, संरसों, मसूर तथा अन्य फसलों की बोनी करें। पलेवा तथा एक सिंचाई के बाद बांध में यदि पर्याप्त पानी उपलब्ध रहता है तो जिला स्तरीय समिति की बैठक करके सिंचाई के संबंध में निर्णय लिया जायेगा।
प्रभारी मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों के हितों के लिए सदैव तत्परता से कार्य कर रही है। वर्तमान परिस्थितियों तथा पानी की उपलब्धता को ध्यान में रखकर सभी की सहमति से सिंचाई के संबंध में निर्णय लिया गया है। जिले के किसानों के हितों की रक्षा की जायेगी। उपसंचालक कृषि किसानों को कम सिंचाई वाली फसलों के लिए प्रोत्साहित करें तथा इनके बीज सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को उपलब्ध करायें। कार्यपालन यंत्री पीएचई बंद तथा अधूरी नल-जल योजनाओं का निर्माण कार्य समय सीमा मे पूरा कराकर जल आपूर्ति सुनिश्चित करें।
प्रभारी मंत्री ने कहा कि कार्यपालन यंत्री विद्युत मण्डल बिजली की व्यवस्था में सुधार के लिए सराहनीय प्रयास कर रहे हैं। कम वर्षा की स्थिति के कारण ट¬ूबेल तथा अन्य माध्यमों से सिंचाई के लिए बिजली की मांग बढ़ेगी इसके लिए ट्रान्सफॉर्मरों की क्षमता में वृद्धि का कार्य तत्परता से करायें। बिगडे ट्रान्सफॉर्मर तत्काल बदलवायें।
बैठक में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीताशरण शर्मा ने कहा कि तवा बांध में उपलब्ध पानी का उचित आकंलन करके सिंचाई के लिए अधिकतम पानी उपलब्ध करायें। इसकी दायें तथा बायीं ओर की नहरों से अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने की व्यवस्था करें।
बैठक में विधायक सोहागपुर श्री विजयपाल सिंह ने बिजली व्यवस्था में सुधार का सुझाव दिया। विधायक पिपरिया श्री ठाकुरदास नागवंशी ने पिपरिया तथा बनखेड़ी क्षेत्र के लिए अतिरिक्त संचाई एवं बिजली व्यवस्था में सुधार की मांग रखी।
बैठक में नहरों की लाइनिंग कार्य की गुणवत्ता ठीक न होने का मुद्दा उठाया गया। प्रभारी मंत्री ने अधीक्षण यंत्री तवा परियोजना को जनप्रतिनिधियों के साथ महासुधार कार्य की जांच करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसमें दोषी पाये जाने वालों पर कार्यवाही करें।
बैठक में कलेक्टर श्री अविनाश लवानिया ने कहा कि पेयजल व्यवस्था के बाद ही सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करा पाना संभव होगा। किसानों को कम सिंचाई की फसल लेने तथा पानी का विवेकपूर्ण उपयोग करने के लिए जागरूक करें। पानी उपलब्ध होने पर किसान पंपों के माध्यम से अधिक सिंचाई के प्रयास करेंगे तो बिजली लाईनों पर अतिरिक्त भार आयेगा और बिजली व्यवस्था प्रभावित होगी।
बैठक में अधीक्षण यंत्री तवा परियोजना राकेश अग्रवाल ने बताया कि सिंचाई के लिए बायीं मुख्य नहर से 60 दिन तथा दायीं नहर से 35 दिन पानी दिया जायेगा। पानी छोड़ने की तिथि का निर्धारण जल उपभोक्ता संस्थाओं के अध्यक्षों की सहमति से किया जायेगा। जिन तालाबों में 20 प्रतिशत या उससे कम जल भराव हुआ है, उनसे सिंचाई के लिए पानी नहीं दिया जायेगा।
बैठक में उपसंचालक कृषि जितेन्द्र सिंह ने बताया कि जिले भर में किसान संगोष्ठी करके किसानों को कम सिंचाई वाली फसलों के लिए प्रेरित किया जा रहा है। जिले में गेहूं तथा चने के बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। इनका शीघ्र ही सहकारी समिति के माध्यम से वितरण कराया जायेगा।
बैठक में बताया गया कि नहरों तथा नदियों से केवल पांच हॉर्स पॉवर के पम्पों से ही सिंचाई की अनुमति है। ट्रेक्टर से चलने वाले पम्पों से सिंचाई पर प्रतिबंध है।
बैठक में नहरों के सुधार, बिजली व्यवस्था, भावांतर योजना तथा अधूरी सिंचाई परियोजनाओं के संबंध में चर्चा की गई।
बैठक में जल उपभोक्ता समितियों के अध्यक्ष, पुलिस अधीक्षक अरविन्द सक्सेना, श्री पियूष शर्मा, श्री राकेश दुबे, श्री नीरज पटेल, श्री राकेश सिंह तथा संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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