सीएम को पीड़ा नहीं सुना पाए कई किसान

इटारसी। मुख्यमंत्री कमलनाथ रविवार को सुबह 10:10 बजे आगजनी से पीडि़त गांव पांजराकलॉ पहुंचे। उनका हैलीकाप्टर गांव में ही एक जले खेत में बनाए गए हैलीपैड पर उतरा था। उनके साथ पूर्व मंत्री सुरेश पचौरी, जिला प्रभारी मंत्री पीसी शर्मा सहित कमिश्रर रविन्द्र मिश्रा, आईजी मकरंद देउस्कर, कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह और एसपी एमएल छारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री कमलनाथ से कई पीडि़त किसान मिलकर अपनी पीड़ा बताना चाह रहे थे लेकिन कांग्रेसियों ने सीएम को पूरे समय घेरे रखा। रही सही कसर सीएम के सुरक्षा दस्ते ने पूरी कर दी। कमलनाथ गांव के तीन मृतकों के परिजनों से मिलने उनके घर कार से पहुंचे और तमाम लाब-लश्कर के बीच कुछ मिनट ही उनसे चर्चा की। कांग्रेस नेता महेन्द्र शर्मा और चंद्रगोपाल मलैया ने मृतकों के परिजनों से मुख्यमंत्री कमलनाथ को मिलाया। इस दौरान श्री नाथ ने किसानों को ढाढ़स बंधाते हुए हर संभव सहायता देने का भरोसा दिलाया। प्रारंभिक तौर पर जिला प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख की सहायता राशि स्वीकृत की है।
सीएम कमलनाथ इसके अलावा ग्राम रैसलपुर के आगजनी पीडि़त किसानों से मिलने भी पहुंचे जहां उन्होंने पीडि़तों से कुछ देर चर्चा की। इस दौरान जबरदस्त धक्कामुक्की के बीच बमुश्किल मीडिया से एक मिनट चर्चा की। महज पांच से दस मिनट के भीतर सीएम का काफिला वापस पांजराकला में बने हेलीपैड पर आया और सीएम यहां से रवाना हो गए। उनके इस तरह के दौरे से नाराज रैसलपुर के किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। किसान दिलीप बड़कुर, भुजबल सोलंकी और दुष्यंत चौधरी ने मीडिया के समक्ष अपनी नाराजी जतायी और सीएम के व्यवहार के प्रति रोष जताया।
गौरतलब है कि शुक्रवार को नरवाई में लगी आग गांव और खेतों में पहुंच गयी थी जिससे करीब तीन हजार एकड़ में फसल जलकर राख हो गयी थी। इसमें करीब 12 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है। किसानों की घर-गृहस्थी का सामान भी जला है। कई के घर उजड़ गए हैं। ग्रामीणों ने मृतकों को शहीदों का दर्जा देने की मांग भी की है।

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