सीजन में पहली बार खुले तवा के सभी 13 गेट

Post by: Manju Thakur

कृत्रिम जलप्रपात का नजारा देखने बड़ी संख्या में पहुंचे सैलानी
इटारसी। 2016 के बाद तवा बांध के सभी तेरह गेट सीजन में पहली बार खोले गये हैं। इस बीच दो वर्षों में तवा के गेट खोलने की नौबत ही नहीं आयी थी। शनिवार 24 अगस्त को करीब 11 बजे तवा में बढ़ रहे पानी को देखते हुए बांध प्रबंधन ने गेटों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया जबकि सुबह से तवा के पहले 9 गेट फिर 11 गेट सात फुट तक खोलकर करीब सवा लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था। दोपहर में सभी तेरह गेट खोलकर करीब तीन लाख क्यूसेक पानी छोडऩा प्रारंभ किया जो देर शाम तक जारी रहा। यदि ऊपरी क्षेत्रों से पानी का बहाव कम होता है तो रात में तवा बांध के गेटों की संख्या घटाई जा सकती है।
ऊपरी क्षेत्रों पचमढ़ी और बैतूल में हो रही बारिश को देखते हुए तवा बांध के सभी तेरह गेट खोले गये। सभी गेट खोलने से नदी के आसपास बसे गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है। शनिवार को सुबह बांध प्रबंधन ने 9 गेट पांच-पांच फुट खोले। लेकिन, तवा में आने वाले पानी की रफ्तार में कमी नहीं आयी तो गेट की संख्या 11 फुट और ऊंचाई 7 फुट कर 1,30,306 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया। उस वक्त तक तवा में पानी का इनफ्लो 2 लाख क्यूसेक के आसपास था। बांध में पानी करीब तीन लाख क्यूसेक आने से दोपहर में सभी तेरह गेट 15 फुट ऊंचाई तक खोले और इनसे करीब 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जाने लगा। तवा बेसिन में बारिश जारी है बैतूल और पचमढ़ी से भी पानी आ रहा है।
तवा कंट्रोल रूम के अनुसार सारणी बांध से भी पानी छोड़ा गया है। वहीं तवा बेसिन और पचमढ़ी में बारिश होने से। बांध का लेबल बढ़ गया था। रात 8 बजे बांध का लेबल 1164.60 था। तवा, पचमढ़ी और बैतूल में बारिश का जोर कम हुआ है और उम्मीद की जा रही है कि रात में बांध के गेटों की संख्या कम की जा सकती है। सुबह बांध के गेट खुलने की सूचना पर आज बड़ी संख्या में सैलानी कृत्रिम जलप्रपात का नजारा देखने के लिए पहुंचे थे जिससे बांध के रोड पर जाम लग गया था। एसडीओ एनके सूर्यवंशी के अनुसार लेबल मेंटेन है और रात में गेट कम किये जा सकते हैं। हालांकि रविवार को भी गेट खुले रहने की उम्मीद से यहां शनिवार से ज्यादा सैलानियों के पहुंचे की संभावना जतायी जा रही है।

2016 के बाद खोले 13 गेट
तवा बांध के सभी 13 गेट वर्ष 2016 के बाद खोले गये हैं। इससे पहले सन् 2016 में गेट खोले गये थे। सन् 2017-18 में बारिश कम होने से बांध पूरी तरह से भराया भी नहीं था। 2016 में बांध के गेट खोलने का आपरेशन 43 बार हुआ और 44 वे आपरेशन में गेट बंद किये। इस वर्ष में बांध के सभी तेरह गेट खोलने पड़े थे। बांध प्रबंधन ने 9 जुलाई 16 को 7 गेट दस फुट तक खोले थे। इसके बाद 14 अगस्त 16 को तीन गेट दो फुट तक खोले गये थे। ये गेट 15 और 16 अगस्त को भी खुले रहे थे। 2016 में सबसे अधिक 13 गेट 27 फुट तक खोलकर 5 लाख 3 हजार 997 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था जिससे तवा नदी के दोनों किनारों पर बसे गांवों में लोगों को बाढ़ का सामना करना पड़ा था। 16 अगस्त 16 को सुबह 9 बजे बांध के सभी तेरह गेट बंद कर दिये गये थे। 2017 और 18 में कम बारिश होने से गेट नहीं खुले और तीन वर्ष बाद 14 अगस्त को शाम 6 बजे गेट खोले गये थे और दस दिन बाद 24 अगस्त को फिर गेट खोले गये हैं।

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