सौ एकड़ से भी अधिक फसल जलकर राख, करोड़ों का नुकसान

इटारसी। आधा दर्जन गांव के कई किसानों के लिए गुरुवार का दिन अच्छा नहीं रहा। उनके खेतों में खड़ी करीब सौ एकड़ से भी अधिक फसल जलकर राख हो गयी वहीं आग करीब दो सौ एकड़ नरवाई में भी फैल गयी थी। कई गांव के हजारों किसान दोपहर करीब 1 से शाम छह बजे तक खेतों में ही फसल और नरवाई की आग बुझाते रहे। नगर पालिका होशंगाबाद की एकमात्र दमकल ने आग बुझाने में मदद की।
दोपहर करीब एक बजे का समय रहा होगा। सूरज आग उगल रहा था कि तभी अज्ञात चिंगारी ने खेतों में तबाही मचाना शुरु कर दी। प्लेटिनम रिसोर्ट के आगे किसी वेयरहाउस के पीछे से आग का सफर शुरु हुआ जो पश्चिमोत्तर की तरफ से दक्षिण पश्चिम की ओर चल रही तेज हवा के साथ तीव्रतम होता चला गया। आग की सूचना मिलते ही रैसलपुर, धौंखेड़ा, पांजराकला सहित आसपास के अन्य गांवों के करीब एक हजार किसान खेतों की ओर दौड़े। ग्राम रैसलपुर में किसानों के घरों में लगे जेटपंपों के अलावा खेतों के नलकूपों से पानी ले-लेकर किसानों ने जलती आग पर फैंका। आग का रूप इतना विकराल था कि किसानों के प्रयास बौने साबित हो रहे थे। किसानों के अनुसार सूचना के बाद होशंगाबाद की दमकल करीब एक घंटा बाद पहुंची जबकि इटारसी की दमकल तो पहुंची ही नहीं। टैंकरों को ट्रैक्टर से खेतों में ले जाकर भी आग बुझाने का प्रयास किया।
it04419 5आग बुझाने में गांव के बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग, युवा सभी एकदूसरे का सहयोग कर रहे थे। महिलाएं पानी भर-भरकर ला रहीं थीं तो खेत की मेढ़ पर खड़े युवा और बच्चे पानी लेकर आग की तरफ दौड़ लगा रहे थे। कुछ युवाओं के कंधे पर स्प्रे पंप था तो बच्चे कुप्पियों में पानी भरकर स्प्रे पंप में डाल रहे थे ताकि वह खाली न हो और लगातार आग को फैलने से रोका जा सके। तमाम प्रयासों के बावजूद आग करीब ढाई सौ एकड़ तक अपना दायरा बढ़ा चुकी थी। जिस तरफ आग चली है, वहां केवल तबाही के निशान ही छोड़े हैं। जहां तक नजर दौड़ा रहे थे, काले-स्याह खेत पड़े और उनमें से रह-रहकर सफेद धुआं उठा रहा था। तमाम प्रयासों के बावजूद अधिकारी, कर्मचारी, किसान, नेता सभी आग के सामने असहाय बने रहे। तहसीलदार एनपी शर्मा के अनुसार रैसलपुर, धौंखेड़ा और पांजराकला के आसपास साठ एकड़ से अधिक खड़ी फसल जली है। यहां मौजूद किसान नेता विजय बाबू चौधरी ने कहा कि पचास एकड़ से अधिक फसल और करीब दो सौ एकड़ में नरवाई इस आग की चपेट में आयी है।
it04419 9वरिष्ठ किसान राममोहन मलैया के अनुसार रैसलपुर के आसपास लगी आग में लगभग सौ एकड़ फसल जली है। उन्होंने बताया कि स्वयं मलैया परिवार की 15 एकड़, अशोक चौधरी की पांच एकड़, भगवानदास मेहरा की तीन एकड़, राधेश्याम पटेल की पांच एकड़, दिलीप बड़कुर की चार एकड़, लखन बड़कुर की पांच एकड़, रज्जन मलैया की पांच एकड़, राजकुमार चौरे की दो एकड़, रामनाथ दो एकड़, बालकदास की दो एकड़ फसल जलकर राख हो गयी। जबकि भगवान मेहरा के खेत में चल रहा एक हार्वेस्टर भी जल गया है।
इधर दोपहर करीब ढाई से तीन बजे के बीच ग्राम बोरतलाई के पास लगी आग में 37 एकड़ फसल जलकर राख हुई है। यहां गेहूं की फसल पककर तैयार खड़ी थी और अज्ञात चिंगारी ने सबकुछ निगल लिया। जिस वक्त आग शुरु हुई, वहां मजदूर काम कर रहे थे और यहां से निकल रही रेल लाइन के निर्माण में काम कर रहे थे। इन मजदूरों की सूचना पर ही ग्राम वासी दौड़कर घटना स्थल पर पहुंचे थे और अपने प्रयासों से आग बुझाने का प्रयास किया। इनके प्रयास नाकाफी साबित हुए और इनकी आंखों के सामने ही 37 एकड़ रकबे में खड़ी गेहूं की फसल जलकर राख हो गयी। यह आग और बढ़ती लेकिन फ्लाईओवर की करीब पचास फुट चौड़ी सड़क ने इसे आगे बढऩे से रोक दिया। इस घटना में ग्राम बोरतलाई के धर्मेन्द्र राजपू की करीब 25 एकड़, विजय पटेल की 4 एकड़, जानकी प्रसाद की चार एकड़ एवं मुकेश व्यास की चार एकड़ फसल जलकर राख हो गयी। इन चारों किसानों ने बताया कि आग बुझाने में प्रशासन का कोई सहयोग नहीं मिला है।
ग्राम बोरतलाई के पूर्व सरपंच रामकिशोर महंत ने बताया कि इस चारों पीडि़तों में से दो तो ऐसे हैं जो इसी फसल पर निर्भर थे। अब इनके सामने रोजीरोटी का संकट है। श्री महंत ने कहा कि इन पीडि़त किसानों की उत्पादन के मुताबिक पूर्ण राशि तत्काल मिलना चाहिए। प्रशासन की ओर से घटना स्थल पर मौका मुआयना करने पहुंचे क्षेत्र के पटवारी हितेष पटेल ने कहा कि हम शीघ्र ही जांच रिपोर्ट तैयार कर प्रशासन को भेज रहे हैं जिससे की इन पीडि़त किसानों को राहत राशि जल्द प्राप्त हो सके।

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