स्कूल बसें पूरी तरह फिट होना जरूरी

पुलिस और स्कूल संचालकों की मीटिंग में दिए निर्देश
इटारसी। इंदौर बस दुर्घटना के बाद स्कूल बसों की फिटनेस को लेकर पुलिस और प्रशासन ने स्कूल संचालकों को स्कूली बच्चों का परिवहन करने वाली बसों की फिटनेस पर ध्यान देना प्रारंभ किया है। आज एसडीओपी ने स्कूल संचालकों की बैठक लेकर उनको बसों की फिटनेस पर खास ध्यान देने के निर्देश दिए हैं।
स्कूल संचालकों के साथ हुई बैठक में पुलिस अधिकारियों ने सख्त हिदायत है कि कंडम बसों को स्कूली बच्चों के परिवहन से पूरी तरह से मुक्त किया जाए। इसी तारतम्य में सोलह बिंदु तय किए हैं जिन पर आज की बैठक में चर्चा की गई। आज सभी स्कूल संचालक नहीं आए थे, अत: आगामी दिनों में दो बैठकें और करने की बात पुलिस अधिकारी कह रहे हैं।

बीट इंचार्ज जाएंगे स्कूल
बीट इंचार्ज को अब स्कूल भेजा जाएगा जो वहां जाकर बच्चों और स्टाफ से पूछेगा कि आपको कानून-व्यवस्था संबंधी कोई परेशानी तो नहीं। घर से स्कूल आते वक्त और वापस जाते वक्त रास्ते में कोई असामाजिक तत्व तो परेशान नहीं करता। बस में कोई परेशानी तो नहीं होगी? इस तरह की कई जानकारी लेकर बीट प्रभारी निराकरण करेंगे। बच्चों को पुलिस थाने लाकर पुलिस की कार्यप्रणाली से अवगत कराया जाएगा। बस में बच्चों को असुविधा न हो, इस ओर खास ध्यान रखा जाएगा।

बस में ये होना अनिवार्य
बैठक में बताया गया है कि बस चालक के पास कम से कम पांच वर्ष का अनुभव होना अनिवार्य है। उसका चरित्र सत्यापन कराना जरूरी है। बड़ी बसों में दो गेट, बच्चों के बैग, वाटर बॉटल टांगने के लिए हुक, फस्र्ट एड बाक्स, जीपीएस सिस्टम, सीसीटीवी कैमरा, जिनमें छात्राएं और शिक्षिकाएं जाती हैं, उनमें एक महिला परिचालक होना जरूरी है। इसके बाद उन स्कूल वाहनों की भी जांच की जाएगी जो स्कूल अनुबंध के अलावा पालक स्वयं किराए पर लेकर अपने बच्चों को स्कूल भेजते हैं।

इनका कहना है…!
आज स्कूल संचालकों की बैठक ली है, सोलह बिंदुओं पर चर्चा करके उनको जानकारी दी है। उनको बताया है कि उनके स्कूल के लिए चलने वाली बस स्कूली बच्चों के अनुसार सारे नियमों का पालन करती हो। अभी अधिक स्कूल होने से दो बैठकें और की जाएंगी।
अनिल शर्मा, एसडीओपी

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