स्मरण दिवस पर कविताओं का किया वाचन

स्मरण दिवस पर कविताओं का किया वाचन

हिन्दी साहित्य परिसर द्वारा कार्यक्रम का आयोजन
इटारसी। शासकीय महात्मा गांधी स्मृति स्नातकोत्तर महाविद्यालय में हिन्दी साहित्य परिषद् हिन्दी विभाग द्वारा राष्ट्रकवि भवानी प्रसाद मिश्र के अवसान दिवस के उपलक्ष्य में कालेज के 20 छात्र-छात्राओं द्वारा उनकी रचित कविताओं के वाचन के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में डॉ नर्मदा प्रसाद सिसोदिया, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ पीके पगारे अध्यक्षता के लिए, डॉ गायत्री राय एवं डॉ धीरेन्द्र शुक्ल उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में डॉ पीके पगारे ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि श्री भवानी प्रसाद मिश्र को होशंगाबाद की धरोहर के रूप में है एवं छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कविता के मर्म को समझने को कहा। इसी तारतम्य में मुख्य अतिथि डॉ नर्मदा प्रसाद सिसोदिया ने मिश्र के द्वारा रचित सतपुड़ा के घने जंगल कविता की सार्थकता को बताया। उन्होंने मिश्र से जुड़े संस्मरण भी सुनाए। इस कार्यक्रम में डॉ धीरेन्द्र शुक्ल ने मिश्र के फक्कड़पन और बेबाकीपन की मिसाल देते हुए उनके संस्मरण सुनाए और हिन्दी साहित्य परिषद् द्वारा 5 अप्रैल को श्री माखनलाल चतुर्वेदी जी के जन्म दिवस मनाने की घोषणा की।
इस अवसर पर भवानी प्रसाद मिश्र की गीत फरोश, झुर्रियां, शपथ, आराम से भाई, सतपुड़ा के घने जंगल, बहुत नहीं सिर्फ कौएं थे काले, धरती के तारे, अक्कड़-बक्कड़, जाहिल मेरे बाने, काफी दिन हो गए, बच्चों की तरह, साधारण जन, मैं फिर आऊंगा, पानी को क्या सूझी, संग्रह के खिलाफ, टूटने का सुख, श्रम की महिमा, सूरज का गोला, कुछ सूखे फूल कविताओं का वाचन निम्न छात्र-छात्राओं नीलम नाइक, आरजू तोमर, कंचन नागेष, अंजली मेहतो, यष नामदेव, रोहित उपाध्याय, अंकित चौरे, शालिनी सैनी, अंजना लौवंशी, रेखा बरकड़े, तृिप्त चौधरी, विनीता ठाकुर, प्रियंका राय, क्षमा चौधरी, मनीषा यादव, प्रियंका तोमर, जूली राजपूत, भावना चौरे, सोनम दामले, दीपिका चंदेल ने किया।
इन सभी छात्र-छात्राओं को प्रमाण-पत्र वितरित कर सम्मानित किया। इस समारोह को संयोजित करने में डॉ मालविका गुहा, डॉ संगीता साहू, कु सृचा साहू ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ धीरेन्द्र शुक्ल ने कार्यक्रम के अन्त में मुख्य अतिथि, प्राचार्य, अतिथि एवं छात्र-छात्राओं का आभार प्रदर्शित किया।

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