स्वर्ण जयंती वर्ष में स्थापित की मां की प्रतिमा

इटारसी। बंगाली ने शारदीय नवरात्रि पर पांच दिवसीय दुर्गा पूजा की शुरुआत पंचमी के मौके से की। बंगाली कालोनी नई गरीबी लाइन में विगत दो दिन से लगातार माता की पूजा-उपासना की जा रही है। यह बंगाली समाज की दुर्गा पूजा का स्वर्ण जयंती वर्ष है।
70 के दशक में बांग्लादेश से आकर शहर में बसे शरणार्थी बंगाली परिवार अब यहां की संस्कृति में रच-बस गये हैं। यहां भी उन्होंने परंपरागत दुर्गापूजा को पूरी श्रद्धा से जारी रखा है। पिछली आधी सदी से बंगाली समाज बंगाली कालोनी में दुर्गा पूजा का आयोजन करता आ रहा है। इस वर्ष भी सार्वजनिक दुर्गा पूजा पंडाल में मां भगवती के साथ ही पूरा शिव परिवार, देवी सरस्वती की स्थापना भी की गई है। बंगाली समाज के पुरोहित पं. नेपाल चक्रवर्ती ने बताया कि इस वर्ष हमारा स्वर्ण जयंती वर्ष का आयोजन है, इसलिए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रतिदिन आयोजित किये जा रहे हैं।
बंगाली समाज द्वारा श्री दुर्गा पूजा के साथ ही दस प्रकार के वृक्षों की पूजा भी की जाती है जिसे बांधन पूजा कहा जाता है। इसके महत्व को प्रतिपादित करते हुए पंडित नेपाल चक्रवर्ती ने बताया कि इसका सरोकार राम-रावण युद्ध से जुड़ा है। चूंकि भगवान राम जब रावण का वध करने जा रहे थे, तब देवी पूजा के साथ ही प्रकृति पूजा के रूप में इन वृक्षों की पूजा भी की थी।

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