इटारसी। चने के खेत पर मजदूरी करने गये आदिवासी की हत्या करने वाले आरोपी को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जब अनिल आत्मज मूलचंद ने थाना केसला में आकर सूचना दी थी कि उसके पिता की किसी ने हत्या कर दी है।
उसने पुलिस को बताया कि वह छीतापुरा में रहता है और मजदूरी करता है। उसके पिता मूलचंद हर दिन खेत पर चना की फसल की रखवाली करने जाते थे। 28 जनवरी 18 को उसके पिता खाना खाकर रात 8:30 बजे खेत चले गये। जब 29 की सुबह घर नहीं आये तो बेटा अपने पिता के लिए रोटी लेकर खेत पर देने गया। सुबह 10:30 बजे रोता हुआ घर आया और मां को बताया कि बाबा का सिर नहीं है। सूचना पाकर बनवानी, टिल्लू, विश्वनाथ आदि खेत पर पहुंचे तो उसे छप्पर में मृत पाया। चेहरे पर काफी चोट दिख रही थी और बाएं हाथ की दो अंगुली जली थी। जांच के दौरान पुलिस को अनिल ने बताया कि उसके पिता मूलचंद को दशहरे के समय जान से मारने की धमकी भूरू सिंह उईके पिता बारेलाल गोंड 26 वर्ष ने दी थी। उसे पुलिस ने संदेह के आधार पर गिरफ्तार कर पूछताछ की तो उसने अपना अपराध कबूल कर लिया। उसने हत्या में प्रयुक्त कुल्हाड़ी भी जब्त करायी। पुलिस ने घटना स्थल से मृतक के कपड़े, खून लगा पत्थर और कुल्हाड़ी जब्त की। सभी सामग्री फोरेंसिक लैब सागर भेजी गयी जहां से रिपोर्ट में स्पष्ट किया कि मृतक के कपड़े पर आये कटने के निशान आरोपी से जब्त कुल्हाड़ी से ही आए हैं।
कोर्ट में अपर लोक अभियोजक राजीव शुक्ला ने न्यायालय के समक्ष विभिन्न न्यायिक दृष्टांत प्रस्तुत कर विशेष रिपोर्ट एवं परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर आरोपी भुरू सिंह को दंडित करने का आग्रह किया। न्यायालय ने श्री शुक्ला के तर्कों से सहमत होते हुए भुरूसिंह को मूलचंद की हत्या के आरोप में दोषी पाते हुए धारा 302 के अंतर्गत आजीवन कारावास की सजा एवं 500 रुपए अर्थदंड से दंडित किया।