हम्मालों के आरोप पर व्यापारिक संस्था ने दिया जवाब

इटारसी। कृषि उपज मंडी इटारसी में तीन प्रकार की अलग-अलग दरों पर तुलाई होती है और इसकी मजदूरी भी इसी प्रकार से दी जाती है। यह कार्य हम्मालों की सहमति से ही किया जाता है। अत: हम्मालों का व्यापारियों पर आरोप लगाना अनुचित है। यह बात व्यापारियों की प्रतिनिधि संस्था ग्रेन मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेन्द्र अग्रवाल ने कही है।
कृषि उपज मंडी परिसर में 90-90 किलो के वजन उठाते हम्मालों ने विगत दिनों आरोप लगाया था कि व्यापारी हमारी गरीबी और मजबूरी का फायदा उठाते हुए हमसे नियम विरुद्ध अधिक वजन उठवाते हैं और प्रथम दृष्टया हम्मालों का यह आरोप सही भी था। चूंकि मंडी बोर्ड के आदेश अनुसार 50 किलो से ज्यादा वजन हम्मालों से नहीं उठवा सकते हैं। परंतु इटारसी मंडी में यह कार्य आपसी सहमति से होता है। इस बात को हम्मालों ने छिपा लिया था और व्यापारियों पर आरोप लगाने लगे थे। एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि विगत दिनों मंडी में एक बैठक हुई थी जिसमें प्रशासनिक अधिकारी, व्यापारी और हम्माल प्रतिनिधि भी मौजूद थे। सबकी राय से तय किया था कि अगर हम्माल अधिक वजन के कट्टे उठाते हैं तो अधिक मजदूरी दी जाएगी। वैसे भी हम्माल तीन दरों पर काम करते हैं जिनमें 50 किलो, 60 एवचं 90 किलो की अलग-अलग दरें हैं।
दरअसल, मंडी परिसर में हम्मालों के कार्यों पर नजर दौड़ाई जाए तो यहां हम्मालों के तीन गुट काम करते हैं और वे एकदूसरे के निर्णय पर सहमत नहीं होते हैं। यही कारण है कि पिछले दिनों हम्मालों के एक गुट के निर्णय को दूसरे गुट के लोग चुनौती दे रहे थे, जबकि बैठक में सहमति के बाद ही व्यापारी यह काम करा रहे हैं।

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