होशंगाबाद। आमूपुरा – गिरता भूजल स्तर, सूखते जा रहे जल स्त्रोत और पानी के लिये परेशान जन जन, यह कोई प्राकृतिक आपदा नही है, यह तो हमारे द्वारा तैयार की गई समस्या है। इसीलिये इसका हल भी हमें ही निकालना होगा। यह बात सिदध की है ग्राम आमूपुरा के निवासियों ने।
जिला मुख्यालय से महज बीस किलोमीटर दूर स्थित ग्राम आमूपुरा के निवासियों ने अपने ग्राम के सूखे पडे कुएं को नवजीवन देने के लिये सरकारी मदद का इंतजार किये बिना श्रमदान के द्वारा वाटर रिचार्ज सिस्टम तैयार कर लिया। इस अवसर पर तकनीकी सलाहकार के रूप में प्रगतिशील कृषक श्याम सुन्दर सगोरिया एवं जल अभियान के मास्टर टेनर बी.डी.जैन उपस्थित रहे।
युक्ति समाज सेवा सोसायटी के कृषि जलदूत राकेश भट्ट ने बताया कि ग्राम मे राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैक नाबार्ड के द्वारा संचालित जल अभियान के अंतर्गत जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जिसमें गिरते भूजल स्तर को रिचार्ज करने की आवश्यकता एवं तकनीको के बारे मे जानकारी प्रदान की गई थी। इसी से प्रेरित होकर ग्रामीणो ने ग्राम के शासकीय कुएं को पुर्नजीवित करने का निश्चय किया।
ग्राम पंचायत के सरपंच ने बताया कि इस कार्यक्रम से लोगों को एक दिशा मिली है। अभी तक केवल भूजल का अंधाधुंध दोहन किया जा रहा है। परिणामस्वरूप दिन प्रतिदिन कुएं एवं बोर सूखते जा रहे है। इस तरह की जल पुनर्भरण संरचनाओं से निश्चित ही भूजल स्तर में वृद्धि होगी। ग्राम पंचायत स्तर पर भी इस तरह की और अधिक संरचनायें तैयार किये जाने हेतु ग्रामीणो के साथ मिलकर कार्ययोजना तैयार की जायेगी।
युक्ति समाज सेवा सोसायटी के सचिव श्री संजय तिवारी द्वारा जल अभियान के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि नाबार्ड द्वारा संचालित इस अभियान का क्रियान्वयन युक्ति द्वारा जिले के 289 ग्रामों में किया जा रहा है। इसके अंतर्गत ग्राम मे जल संवाद तथा प्रभात फेरी के माध्यम से लोगों को वर्षा जल संग्रहण, जल के दुरूपयोग को रोकना, कम जल में अधिक फसल प्राप्त करना जैसे विषयों पर ग्रामीणो को जागरूक किया जा रहा है। इसी के अंतर्गत ग्राम मे उपलब्ध जल स्त्रोतो स्थिति तथा आगामी आवश्यकताओं का आंकलन हेतु ग्राम का नक्शा भी तैयार किया जा रहा है। इन कार्यक्रम के लिये 20 कृषि जलदूत कार्य कार रहे है जिनमे 8 महिलाये भी कृषि जलदूत बनकर गांव-गांव जाकर जल संदेश दे रही है।