हरियाली से भरा और पानीदार शहर बनाने का संकल्प

विधायक जलसंरक्षण योजना
इटारसी। अपना शहर वृक्षों से हरा और पानी से भरा हुआ हो, इसके लिए विधायक वृक्ष मित्र योजना की तर्ज पर विधायक जलसंरक्षण योजना लायी जा रही है। करीब ढाई वर्ष पूर्व विधायक वृक्षमित्र योजना की सफलता के बाद अब शहर को पानी के मामले में समृद्ध करने का संकल्प विधायक और कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने लिया है। इस योजना के लिए शुक्रवार को नगर पालिका सभागार में एक बैठक हुई। इस अवसर पर विधायक प्रतिनिधि कल्पेश अग्रवाल, सभापति राकेश जाधव, नगर पालिका उपाध्यक्ष अरुण चौधरी सहित शहर के अनेक गणमान्यजन और नगर पालिका के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।
आगामी कुछ वर्षों में इटारसी शहर न सिर्फ हराभरा होगा, बल्कि इस वर्ष तक पानी की समस्या से जूझ रहे शहर को अगले वर्ष से राहत के दिन शुरु हो जाएंगे। दरअसल, अब तक की सबसे सफल मानी जाने वाली विधायक वृक्षमित्र योजना की तर्ज पर अब विधायक जलसंरक्षण योजना पर आगामी पंचवर्षीय योजना में काम का संकल्प लिया गया है। विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा ने इस योजना को शहर के सामाजिक संगठन, स्वयंसेवी संगठनों, पर्यावरणविद, जलयोद्धाओं और आम नागरिकों के साथ मिलकर पूरी करने का संकल्प लिया है। इस योजना की पूरी कार्ययोजना उन्होंने शुक्रवार को शहर के लोगों को नगर पालिका सभागार में बतायी।

विस में ले जाया जाएगा मुद्दा
विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा ने जलसंरक्षण पर अपने विचार रखते हुए योजना की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस पंचवर्षीय योजना में वाटर हार्वेस्टिंग पर काम प्रारंभ कर दिया है। विधानसभा में भी ये मामला ले जाकर मांग की जाएगी कि इसके लिए निजी भवनों में भी विधायक निधि से राशि का बंदोवस्त किया जाना चाहिए, अभी सरकारी भवन में प्रावधान है। लेकिन, सरकारी भवनों में तो सरकार स्वयं करा सकती है। उन्होंने बताया कि उन्होंने दोनों कालेज, मंदिरों में तो यह कार्य करा दिया है। नगर पालिका से उन्होंने कहा कि जिन लोगों के मकानों में वाटर हार्वेस्टिंग का पैसा जमा है, उनके मकान में नगर पालिका स्वयं कराएगी तो अच्छा होगा।

नगर पालिका लगाएगी पेड़
नगर पालिका ने इस वर्ष पांच हजार पौधे लगाने का संकल्प लिया है। ये पौधे भी विधायक वृक्ष मित्र योजना की तर्ज पर ही लगाए जाएंगे। डॉ. शर्मा ने कहा कि इसमें भी सहयोग दिया जाएगा। इस दौरान सरकारी ओपन लैंड में पौधरोपण करने का सुझाव पार्षद यज्ञदत्त गौर की तरफ से आया जिसे माना गया और उस दिशा में काम करने पर सहमति भी बनी। श्री गौर ने खेड़ा स्थित ग्रीन लैंड और न्यास कालोनी के पास कचरा डंपिंग स्थल पर पौधरोपण विशेषज्ञों की सलाह पर करने का सुझाव दिया। बैठक में मौजूद सेवानिवृत्त शिक्षक एनपी चिमानिया ने कहा कि विधायक वृक्षमित्र योजना अस्सी फीसदी सफल रही है, बीस फीसदी असफलता भी गलत जगह चुनने से हुई है।

ये विचार भी आए
नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष श्रीमती सुधा अग्रवाल ने कहा कि निरंतर नीचे जा रहे जल का स्तर बढ़ाने के लिए हमें गंभीरता से उपाए करने होंगे। वाटर हार्वेस्टिंग और पौधरोपण करेंगे। उन्होंने कहा कि जो लोग खर्च नहीं उठा सकते, उनका खर्च नगर पालिका उठाए, ऐसी कोई व्यवस्था अधिकारी करें। सीएमओ हरिओम वर्मा ने कहा, सारी दुनिया में पानी की कमी हो रही है। पानी को संचय करना आवश्यक है, इसके लिए वाटर हार्वेस्टिंग सबसे उत्तम उपाए है। विधायक जलसंरक्षण योजना के कियान्वयन में महती भूमिका निभाने वाले सीए आनंद पारे का कहना है कि हम सबसे सुगम और सस्ता तरीका अपनाएंगे। नर्मदांचल जल अभियान की ओर से अजय राजपूत ने कहा कि श्रमदानी लोगों को प्रोत्साहित किया जाए। सभापति भरत वर्मा ने सोनासांवरी के पहाड़ी नाले पर एवं मेहरागांव नदी पर स्टापडेम बनाने का सुझाव दिया। जगदीश मालवीय ने योजना के प्रचार-प्रसार पर जोर दिया तो शिक्षाविद केएस उप्पल ने कहा कि सौ प्रतिशत घरों का पानी नालियों में जाता है, नालियों में छह फुट के पाइप डालकर उसमें फिल्टर की व्यवस्था करके पानी जमीन में पहुंचाया जाए। पार्षद यज्ञदत्त गौर ने कहा कि हम जड़ों की तरफ लौटें, नालों में दोनों तरफ उस तरह गड्ढे करें जैसे हमारे बुजुर्ग पोखर और गड्ढे तैयार करते थे। उन्होंने तालाब में आसपास के भवनों की छत और सब्जी मंडी की छत के पानी, और गांधी स्टेडियम की छत के पानी पहुंचाने की सलाह दी। रेखा मालवीय ने बताया कि पीआईसी ने नालियों में पाइप डालकर जमीन में पानी पहुंचाने की योजना के लिए दस लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की है। भारत भूषण गांधी ने कहा कि नालों के किनारे भी पाइप लगाए जाएं।

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