इटारसी। नेशनल हाईवे 69 पर इटारसी से सुखतवा के बीच जिले की सीमा में ही ऐसी आधा दर्जन से अधिक पुलिया हैं जिनकी रैलिंग टूट चुकी है और उनकी मरम्मत न होने से वे हादसो को न्यौता दे रही हैं। करीब तीस किलोमीटर के क्षेत्र में ही ऐसी आधा दर्जन से अधिक पुलियाएं संकरी और बिना रेलिंग की हैं, जिन पर पूर्व में कई हादसे होने के बावजूद नेशनल हाईवे अथॉरिटी आफ इंडिया के अफसरों ने कोई ध्यान नहीं दिया है। आज भी ये पुलियाएं टूटी रैलिंग के साथ हादसों को न्यौता दे रही हैं।
बता दें कि इटारसी से सुखतवा तक लगभग आधा दर्जन से अधिक पुलियाओं पर रैलिंग नहीं हैं और ये संकरी भी हैं। इटारसी में सीपीई पुलिया, पथरौटा गांव के समीप, पथरोटा नहर, बागदेव पुलिया, बागदेव और केसला के बीच रेलवे स्टेशन के पास की पुलिया, केसला पुलिया, सूखी नदी सहित अन्य पुलिया हैं जिन पर रैलिंग नहीं है। रैलिंग नहीं होने की वजह से यहां हादसे भी हो रहे हैं। बागदेव से केसला रेलवे स्टेशन के पास ही दो से तीन पुलिया ऐसी हैं जहां अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं। रात के समय ये पुलिया नजर नहीं आती। यदि वाहन चालक से जरा सा भी स्टेयरिंग इधर-उधर हो जाए, तो वाहन पुलिया से नीचे आ जाता है। वाहनों के पुलिया से गिरने के हादसे यहां काफी हो चुके हैं। इस तरफ प्रशासन या जनप्रतिनिधि किसी का ध्यान नहीं है।
पथरौटा नहर की रेलिंग भी टूटी है और प्रतिदिन सैकड़ों वाहन पुलिया से तेजी से निकल रहे हैं। रात के समय टूटी पुलिया नजर नहीं आती। ऐसे में यदि किसी रोज पुलिया पर वाहन टकरा गए तो सीधे नीचे आ जायेंगे। एक दफा इस पुलिया में एक वाहन गिर भी चुका है। पुलियाओं पर रैलिंग, वाहनों के संकेत और बचाव के लिए होती है। हाईवे की नहर और पहाड़ी नदियों पर पुलियाओं पर बनी रैलिंग यदि किसी वाहन से टूट जाए तो फिर उसका वर्षों तक मेंटनेंस नहीं होता। जिन भी पुलियाओं की हम बात कर रहे हैं, उन पर पहले रैलिंग थी। लेकिन वाहनों से धीरे-धीरे टूटती गई है और बड़ा रूप ले ली फिर इनका मेंटनेंस नहीं हुआ।